निम्नलिखित वाक्यों के वाच्य निर्देशानुसार बदलिए
Copy me likhke bhi bhej skte ho please
1- तुमसे यह वजन नहीं उठाया जायेगा | [ कर्तृवाच्य ]
2-पानवाले ने साफ बता दिया था | [ कर्मवाच्य ]
3-शेर अब नहीं शिकार करता | [ भाववाच्य]
4-सानिया टेनिस खेलती है | [ कर्मवाच्य]
5-वे रो न सके | [भाववाच्य ]
6-जिड़िया से उड़ा नहीं जाता | [ कर्तृवाच्य]
7 =मैने ही यह पुस्तक लिखी है | [ कर्मवाच्य ]
8 =पक्षी घोसलों में रहते हैं | [ भाववाच्य ]
9 =तुम्हारे द्वारा फूल तोड़ा जाएगा | [ कर्तृवाच्य ]
1० =डाकुओं ने चौकी लूट ली | [ कर्मवाच्य ]
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Answer:
क्रिया के उस रूपान्तर को कर्तृवाच्य कहते हैं, जिससे वाक्य में कर्ता की प्रधानता का बोध हो। सरल शब्दों में, क्रिया के जिस रूप में कर्ता प्रधान हो, उसे कर्तृवाच्य कहते हैं।
उदाहरण
रमेश केला खाता है।
दिनेश पुस्तक नहीं पढता है।
उक्त वाक्यों में कर्ता प्रधान है तथा उन्हीं के लिए 'खाता है' तथा 'पढ़ता है' क्रियाओं का विधान हुआ है, इसलिए यहाँ कर्तृवाच्य है। कर्तृवाच्य में कर्ता विभक्ति रहित होता है और यदि विभक्ति हो तो वहां केवल ' ने ' विभक्ति का ही प्रयोग होता है। जैसे - रमेश ने केला खाया।
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