निम्नलिखित वाक्यों में उत्प्रेच्छा अलंकार बताईए |. 1) लो यह लतिका भी भर लाई. 2) ज़रा-से लाल केसर से कि जैसे धुल गई हो. 3) ले चला मै तुझे कनक, ज्यों भिछ्छूक स्वण -झनक. 4) मनु दृग फारि अनेक जमुन निरखत ब्रज सोभा.
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4th option shi h kyoki isme janu world prayog kiya gya h
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मनु दृग फारि अनेक जमुन निरखत ब्रज सोभा,
इस पंक्ति में उत्प्रेच्छा अलंकार है |
उत्प्रेक्षा अलंकार की परिभाषा :-
जहाँ उपमेय में उपमान की सम्भावना की जाती हैं, वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।
यदि पंक्ति में -मनु, जनु, मेरे, जानते, मनहु, मानो, निश्चय, ईव आदि आता है, वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। उदाहरण- जैसे- चित्रकूट जनु अचल अहेरी।।
अलंकार की परिभाषा :-
आभूषण या श्रंगार चांदी के आभूषण अर्थात सौंदर्यवर्धक गुण अलंकार कहलाते हैं | अलंकार स्वयं सौंदर्य नहीं होते, वे काव्य के सौंदर्य को बढ़ाने वाले सहायक तत्व होते हैं | अलंकारों के योग से काव्य मनोहारी बन जाता है |
अलंकार के तीन प्रकार :- 1.शब्दालंकार 2.अर्थालंकार 3.उभयालंकार
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