निम्नलिखित विषयों का अध्ययन:
परम्परागत वेष-भूषा, सफल नृत्य प्रदर्शन की आवश्यकतायें, घुघरूओं का चुनाव, नृत्यकार के गुण-अवगुण, नौरसों की पूर्ण व्याख्या एवं नृत्य में उनका उपयोग; वेष सज्जा (Make-up), दृष्टि भेद, नृत्य में दिशाओं का ज्ञान।
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में अध्ययन शुरू हुआ। इसकी विषय-सामग्री के रूप में ग्रामीण जीवन तथा उसकी विभिन्न समस्यायें विचार-विमर्श का साधन बनीं। कुछ विद्वानों ने अमरीका की ग्रामीण समस्याओं पर विस्तारपूर्वक विचार किया। उनमें
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