निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर (80 -100 शब्दों में) अनुच्छेद लिखिए।
वैश्विक महामारी करोना
करोना से तात्पर्य
करोना का प्रभाव
करोना से बचाव
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जैसे जैसे कोविड-19 की महामारी दुनिया भर में बढ़ रही है, वैसे वैसे वैज्ञानिकों को नए कोरोना वायरस के बारे में एक अजीब, मगर बेहद चिंताजनक बात के सबूत पर सबूत मिल रहे हैं.इस वायरस के शिकार होने वाले बहुत से लोगों में खांसी, बुख़ार और स्वाद व गंध का पता न चलने के लक्षण दिखाई देते हैं.
मगर, इससे संक्रमित कई ऐसे भी लोग हैं, जिनमें कोई लक्षण ही नहीं दिखते. और, इसी वजह से उन्हें कभी पता ही नहीं चलता कि वो कोविड-19 की बीमारी अपने साथ लेकर घूम रहे हैं. ये ठीक वैसे ही है, जैसे कोई इंसान अपनी जेब में बम लेकर चल रहा हो, और उसे इसकी ख़बर ही न हो.
कोरोना वायरस पर रिसर्च करने वालों का कहना है कि दुनिया में कितने लोग वायरस से ऐसे संक्रमित हैं कि उनमें लक्षण नहीं हैं, इस बात का पता लगना बेहद ज़रूरी है. क्योंकि इसी से हमें ये पता चलेगा कि क्या ये 'साइलेंट स्प्रेडर' या गुप चुप तरीक़े से वायरस फैला रहे लोग ही महामारी का दायरा बढ़ा रहे हैं.
छोड़िए
नए कोरोना वायरस के 'साइलेंट स्प्रेडर' का अंदाज़ा सबसे पहले सिंगापुर के डॉक्टरों को हुआ था. 19 जनवरी को जब सिंगापुर की एक चर्च में लोग सर्विस के लिए जमा हुए थे, तो उन्हें इस बात का क़तई अंदाज़ा नहीं था कि उनकी इस प्रार्थना सभा का असर पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के प्रसार पर पड़ने जा रहा है.
वो रविवार का दिन था. और इस चर्च की किसी आम प्रार्थना सभा की तरह एक सर्विस, मैन्डैरिन या चीनी भाषा में भी हो रही थी. 'द लाइफ़ चर्च ऐंड मिशन्स' की ये प्रार्थना सभा, एक इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर हो रही थी. इसमें पति पत्नी का एक जोड़ा भी शामिल था, जो उसी सुबह चीन से सिंगापुर आया था. दोनों की ही उम्र 56 बरस के आस पास थी.
रहस्यमयी तरीक़े से कोरोना वायरस का संक्रमण
जब वो चर्च की बैठक में शामिल होने के लिए आए, तो बिल्कुल स्वस्थ दिख रहे थे. ऐसे में ये शक करने की कोई वजह नहीं बनती थी कि वो अपने साथ कोरोना वायरस लेकर घूम रहे हैं. इस साल जनवरी के महीने तक यही माना जा रहा था कि कोविड-19 का सबसे बड़ा लक्षण लगातार ख़ांसी का आना है.
और, इसी के ज़रिए सबसे अधिक संक्रमण भी फैलता है. अब अगर किसी में इस बीमारी के कोई लक्षण ही नहीं हैं, तो ये कैसे मान लिया जाए कि उस इंसान से ये बीमारी फैल रही है. चीन से आए ये दंपति, प्रार्थना सभा में हिस्सा लेने के तुरंत बाद वहां से चले गए. लेकिन, कुछ ही दिनों बाद हालात बिगड़ने लगे. और वो भी बेहद रहस्यमयी अंदाज़ में.
पहले तो प्रार्थना सभा में शामिल होने के तीन दिन बाद यानी 22 जनवरी को पत्नी बीमार पड़ी. इसके दो दिन बाद पति भी बीमार हो गया. चूंकि, पति पत्नी दोनों ही चीन के वुहान शहर से आए थे, जो उस समय इस महामारी का केंद्र था, तो किसी को उनके बीमार होने पर हैरानी नहीं हुई.
लेकिन, इसके एक हफ़्ते बाद, जब तीन अन्य स्थानीय लोग भी रहस्यमयी तरीक़े से कोरोना वायरस के संक्रमण से बीमार हो गए, तो डॉक्टर हैरान रह गए. ये सिंगापुर में कोरोना वायरस के प्रकोप का पहला सबसे अजीब मामला था. जब इस बात का पता लगा लिया गया कि इन लोगों तक वायरस कैसे पहुंचा, तो इससे बेहद डरावनी तस्वीर सामने आई.
तब जा कर पता चला कि नया कोरोना वायरस कितनी आसानी से अपने लिए नए शिकार तलाश लेता है.
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fallow me
Answer:
पूरे विश्व के लिए संकट है कोरोना
कोरोना से तात्पर्य है कि covid 19
अभी कोरोना अपनी 2nd position मे है इसने 2021
ने नया रूप लिया है ये इंसान के फेफड़ो पर हमला कर रहा है।ये बीमारी इंसानों में ही है।ये अनदेखी बीमारी है।
हाथ धोए , सामाजिक दूरी ,सतर्क रहे ,मदद करे ।