Hindi, asked by maheshwarimukul79, 1 month ago

निम्नलिखित विषयों पर अनुच्छेद लिखिए। 1-कोरोना वायरस का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव​

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Answered by viyom12
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इससे ऑटोमोबाइल उद्योग, पर्यटन उद्योग, शेयर बाजार और दवा कंपनियों सहित कई सेक्टर प्रभावित हो रहे हैं। ना सिर्फ आईपीएल, बल्कि देश-दुनिया के बड़े-बड़े समारोह भी टाल दिए गए हैं। चीन में उत्पादन में आई कमी का असर भारत के व्यापार पर भी पड़ा है। इससे भारत की अर्थव्यवस्था को करीब 34.8 करोड़ डॉलर तक का नुकसान उठाना पड़ सकता है। आइए जानते हैं लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को कोरोना कैसे प्रभावित कर रहा है। 

कोरोना संकट की चपेट में पर्यटन कारोबार

कोरोना का पर्यटन कारोबार पर भी असर दिखने लगा है क्योंकि कई देशों ने चीन और कोरोना वायरस से प्रभावित दूसरे देशों से आने वाले यात्रियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। इस वजह से बड़ी संख्या में लोगों ने आगामी महीनों के लिए अपनी यात्रा रद्द करनी शुरू कर दी है। लोकल सर्किल के एक सर्वे में इसका खुलासा हुआ है।

सर्वे में शामिल 41 फीसदी लोगों ने कहा कि कोरोना संकट की वजह से वे गर्मी की छुट्टियों को लेकर चिंतित हैं, जबकि 72 फीसदी इसे लेकर सतर्क हैं। वहीं, 16 फीसदी लोगों का मानना है कि मौजूदा परिस्थितियों में उन्हें यात्राएं नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह वायरस प्रभावित कर सकता है। तीन फीसदी लोगों को वायरस को लेकर कोई चिंता नहीं है। उनका मानना है कि कोरोना वायरस उन्हें प्रभावित नहीं कर सकता है। 70 फीसदी लोगों ने कहा कि पिछले 30 दिनों में चीन या सिंगापुर से आने वाले लोगों पर सरकार को विशेष नजर रखनी चाहिए। 

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, "इटली, ईरान, दक्षिण कोरिया और जापान के नागरिकों को जो भी वीजा और ई-वीजा 3 मार्च 2020 या उससे पहले जारी किए गए हैं और जिन्होंने अभी भारत में प्रवेश नहीं किया है, वो सभी वीजा तत्काल प्रभाव से निलंबित किए जाते हैं। 

अंतरराष्ट्रीय एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) के मुताबिक विमानन उद्योग को यात्रियों से होने वाले कारोबार में कम से कम 63 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। इस अनुमान में माल ढुलाई के व्यापार को होने वाला नुकसान भी शामिल नहीं है।

सियाम ने जताई चिंता, प्रभावित होगा वाहन उत्पादन

देश के वाहन उद्योग पर भी कोरोना वायरस का असर दिखने लगा है। अगर इसे काबू नहीं किया गया तो उद्योग के लिए भयावह स्थिति उत्पन्न हो जाएगी और सभी श्रेणी के वाहनों का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित होगा। वाहन उद्योग निकाय सोसायटी ऑफ इंडियन मोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) ने बुधवार को कहा कि कई भारतीय वाहन निर्माता कंपनियां उत्पादन से जुड़े करीब 10 फीसदी कच्चे माल का आयात चीन से करती हैं। ऐसे में वहां से कच्चे माल की आपूर्ति ठप होने से वाहन उत्पादन गंभीर रूप से प्रभावित होगा।  

सियाम के अध्यक्ष राजन वढेरा ने कहा कि भारतीय वाहन उद्योग ने चीनी नव वर्ष को ध्यान में रखते हुए पहले से ही वहां से आने वाले कलपुर्जों की अच्छी खासी इन्वेंट्री जमा की थी, लेकिन चीन में इस समय जो लॉकडाउन है, उससे बीएस-6 मानक उत्सर्जन मानक वाले वाहनों की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। कलपुर्जों की आपूर्ति प्रभावित होने से हर तरह के यात्री वाहनों, वाणिज्यिक वाहनों, तिपहिया और दोपहिया वाहनों पर भी असर पड़ने की आशंका है।

इसके अलावा, इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन भी गंभीर रूप से प्रभावित होगा क्योंकि इसके लिए पावर पैक वहीं से आता है।

वढेरा ने कहा कि वाहन निर्माता कंपनियां अपनी आपूर्ति श्रृंखला मांगों को पूरा करने के लिए विकल्प तलाश रही हैं। लेकिन स्थिर उत्पादन पैमाने तक पहुंचने के लिए पर्याप्त समय लगेगा क्योंकि पहले इन कलपुर्जों की जांच करनी होगा और मानक पर खरा उतरने पर ही आयात होगा। उन्होंने कहा कि उद्योग के विशिष्ट सिफारिशों के साथ सियाम केंद्र सरकार के संपर्क में है। इस संबंध में जो भी निर्देश मिलेगा, उस पर अमल होगा।

भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग में करीब 3.7 करोड़ लोग काम करते हैं। भारत में ऑटो उद्योग पहले से ही आर्थिक सुस्ती का शिकार था। अब यह और प्रभावित हो सकता है।

IPL रद्द होने पर हो सकता है करीब 10000 करोड़ रुपये का नुकसान

मौजूदा स्थिति को देखते हुए अगर भारतीय क्रिकेट बोर्ड 'बीसीसीआई' आईपीएल के पूरे टूर्नामेंट को स्थगित करता, तो प्रसारकों और फ्रैंचाइजियों को मिलाकर कम से कम 3,000 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ सकता था। इस बात का अंदाजा सभी को था और यही कारण है कि कुछ फ्रैंचाइजियों के मालिक खाली स्टेडियम में मैच करवाने के लिए भी राजी हो गए। उनके मुताबिक स्टेडियम में सिर्फ एक प्रतिशत लोग ही मैच देखते हैं और उससे नुकसान तो होता लेकिन उतना अधिक नहीं। 

जूलरी कारोबार पर प्रभाव

सुस्ती के बाद अब कोरोना संकट की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था प्रभावित होने लगी है। कामकाज पर भी असर पड़ने लगा है। जवाहरात और जूलरी का कारोबार भी कोरोना वायरस के प्रकोप से प्रभावित है। कोरोना वायरस से इस सेक्टर को करीब सवा अरब डॉलर का नुकसान होने की आशंका है। दरअसर भारत के तराशे और पॉलिश किए हुए हीरों के निर्यात के सबसे बड़े केंद्र चीन और हांगकांग हैं। इन देशों में वायरस का बहुत बुरा असर पड़ा है।

भारत में बहुत लोग जूलरी कारोबार से जुड़े हैं, जिनपर इसका सीधा प्रभाव पड़ेगा। 

कई कारोबारियों को चीन और हांगकांग से भुगतान भी नहीं मिला है। वे ग्राहकों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, जो उनके लिए बड़ी चुनौती है। भुगतान ना मिलने के कारण भारतीय कारोबारी अपने छोटे सप्लायर्स को भी भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। जिसकी वजह से लोगों का पैसा अटक गया है। 

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