Hindi, asked by anantkumar39, 11 months ago

| निम्नलिखित विषयों पर अनुच्छेद लिखिए ।
(क)बिना सोचे समझे कार्य करने से बचे
| ( संकेत बिंदु अविवेक विपत्तियों का घर , अविवेक का अर्थ , विवेकपूर्ण कार्य करने से
सफलता , विवेकपूर्ण कैसे बने )।
(ख)कैशलेस इंडिया-सुदृढ अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ता कदम
( संकेत बिंदु-कैशलेस प्रारंभ करने का उद्देश्य , लाम , अर्थव्यवस्था के लिए कित्त
प्रकार लाभकारी , )।

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Answers

Answered by shishir303
20

प्रश्न में दिये गये विषयों पर अनुच्छेद प्रस्तुत है।

(क)

बिना सोचे-समझे कोई भी कार्य करने से बचें...

कोई भी कार्य भली-भांति सोच-समझकर करें। बिना सोचे समझे अर्थात अविवेक पूर्ण तरीके से कोई भी कार्य करने से सदैव बचें। भगवान ने हमें बुद्धि दी है और बुद्धि के साथ विवेक दिया है। हमारा ये विवेक ही किसी निर्णय को लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक अविवेकपूर्ण निर्णय सदैव विपत्तियों को आमंत्रित करता है। किसी विषय-वस्तु पर भली-भांति विचार कर और उस पर विवेकपूर्ण ढंग से निर्णन लेने से उस कार्य की सफलता की संभावना बढ़ जाती है। जब हम कोई कार्य को करने से पहले या कोई निर्णय लेने से पहले उस पर विवेकपूर्ण तरीके से गहन विचार करते हैं तो हमें उस कार्य के सकारात्मक और नकारात्मक बिंदुओं का पता चलता है और हमें किसी निर्णय पर पहुंचने में आसानी होती है।

(ख)

कैशलेस इंडिया सुदृढ अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ता कदम है।

कैशलेस इंडिया सुदृढ़ अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ता एक मजबूत कदम है। आज का युग टैक्नोलोजी का युग है। टेक्नोलोजी के कारण बहुत से कार्य बेहद आसान हो गये हैं। कैशलेस पेमेंट प्रारंभ करने का उद्देश्य लेन-देन को सुगम और पारदर्शी बनाना है। कैशलेस अर्थव्यवस्था से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में काफी मदद मिलती है। जिन-जिन देशों में कैशलेस लेनदेन सफलतापूर्वक लागू है वहां भ्रष्टाचार काफी कम है। जब भ्रष्टाचार कम होगा तो देश का विकास तीव्र गति से होगा और देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। त्वरित भुगतान होने से काफी कार्य जल्दी निपटते हैं। कैशलेस व्यवस्था से काले धन के संग्रहण में कमी आती है।  कैशलेस व्यवस्था से यात्रा आदि में पैसे की चोरी और लूट का भय नही रहता।


anantkumar39: thnks bro
Answered by amankushwaha1208
0

Answer:

(क)

बिना सोचे-समझे कोई भी कार्य करने से बचें...

कोई भी कार्य भली-भांति सोच-समझकर करें। बिना सोचे समझे अर्थात अविवेक पूर्ण तरीके से कोई भी कार्य करने से सदैव बचें। भगवान ने हमें बुद्धि दी है और बुद्धि के साथ विवेक दिया है। हमारा ये विवेक ही किसी निर्णय को लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक अविवेकपूर्ण निर्णय सदैव विपत्तियों को आमंत्रित करता है। किसी विषय-वस्तु पर भली-भांति विचार कर और उस पर विवेकपूर्ण ढंग से निर्णन लेने से उस कार्य की सफलता की संभावना बढ़ जाती है। जब हम कोई कार्य को करने से पहले या कोई निर्णय लेने से पहले उस पर विवेकपूर्ण तरीके से गहन विचार करते हैं तो हमें उस कार्य के सकारात्मक और नकारात्मक बिंदुओं का पता चलता है और हमें किसी निर्णय पर पहुंचने में आसानी होती है।

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