निम्नलिखित विषयों पर निबंध लिखिए -
(क) छात्रों पर सोशल मीडिया का प्रभाव
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सोशल मीडिया और युवा
सोशल मीडिया से हमारी युवा पीढ़ी शायद हासिल तो कुछ नहीं पर पा रही है अपितु इसके दुष्प्रभावों से ग्रस्त अवश्य हो रही है। यही कारण है कि आए दिन ऐसी अजीब घटनाएं सुनने के लिए मिल रही हैं जिनके बारे में कोई आम व्यक्ति सोच भी नहीं सकता था। कहीं पर घरों की लड़कियां सोशल मीडिया पर अपलोड की गई विभिन्न प्रकार की फिल्मों से प्रभावित होकर रातोंरात अमीर बन कर अपने सपनों को सच करने के लिए घरों की दहलीज को लांघ रही हैं वहीं पर ऐसे मामले भी सामने आने लगे हैं कि युवा सोशल मीडिया के प्रभाव में आकर नशे जैसी लत से ग्र्रस्त होकर अपना जीवन तबाह कर रहे हैं। अभी हाल में पंजाब में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने सभी को चौंका कर रख दिया है। इस मामले में दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों ने सोशल मीडिया के चक्कर में अपने ही दोस्त, जो कि नौवीं कक्षा का विद्यार्थी है, के अपहरण का प्रयास किया। यह एक ऐसा कृत्य है जिसकी इन छात्रों से कभी अपेक्षा भी नहीं की जा सकती। स्कूलों का प्रबंधन देखने वालों को भी चाहिए कि वह विद्या के मंदिरों में मोबाइल जैसी वस्तुओं को पूरी तरह से प्रतिबंधित करें। स्कूल में बच्चे पढऩे के लिए आए हैं तो उनका एकमात्र लक्ष्य पढ़ाई ही होना चाहिए। मां-बाप को भी चाहिए कि वह अपने बच्चों की हर गतिविधि पर पूरी नजर रखें। बच्चों को अच्छे और बुरे का बोध करवाएं। उन्हें समझाएं कि सोशल मीडिया पर तो हर प्रकार की अच्छी व बुरी जानकारी उपलब्ध हैं परंतु हमें अच्छे और खुद को अपडेट रखने वाली जानकारियों को ही ग्र्रहण करना है। यह निगरानी रखना मां-बाप का फर्ज है कि सोशल मीडिया पर उनके बच्चे क्या देख रहे हैं। इसका अंदाजा मां-बाप उनके व्यवहार को देखकर भी लगा सकते हैं। अपराध की दुनिया में कदम रख चुके युवा भी सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैैं। कुछ गैैंगस्टर्स सोशल मीडिया पर अपने स्टेट्स अपडेट करते रहते हैैं और कुछ तो अपने दुश्मनों को धमकियां तक देते हैैं। हैरानी की बात यह है कि पुलिस ऐसी गतिविधियों को रोक नहीं पा रही है। जरूरी है कि उसका साइबर क्राइम सेल और मजबूत हो। इसके साथ-साथ युवा पीढ़ी को भी यह समझना होगा कि कोई भी तकनीक जब तक सकारात्मक रूप से इस्तेमाल की जाती है तब तक वरदान होती है, अगर उसका इस्तेमाल नकारात्मक रूप से किया जाए तो वहीं अभिशाप बन जाती है। इसलिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल सोच-समझ कर, सकारात्मक ढंग से ही होना चाहिए।
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Answer:
सोशल मीडिया के बहुत ज्यादा उपयोग करने के मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी पड़ते हैं। यह प्रभाव सकारात्मक और नकारात्मक दोनों हैं। बच्चों पर सोशल मीडिया का बहुत ज्यादा उपयोग करने का असर क्या पड़ रहा है, इस पर अनेक अध्ययन हो रहे हैं। हाल ही में हुए एक अध्ययन में निष्कर्ष निकला है कि जो बच्चे सोशल मीडिया का उपयोग बहुत ज्यादा करते है, उनके मन में जीवन के प्रति असंतुष्टि का भाव ज्यादा रहता है। सोशल मीडिया पर लोगों को देख-देख कर बच्चों की आदत हो जाती है कि वे अपने अभिभावकों से अवांछित वस्तु की मांग भी करने लगते हैं। मेरे एक मित्र के बेटे को अपने पिता से इस बात की शिकायत थी कि उसे उसके पिता आईफोन-7 नहीं दिला रहे हैं, जबकि मेरे मित्र और उसके पिता का कहना था कि वे पहले ही उसे महंगा आईफोन-6 दिला चुके हैं। हर बार जब कोई नया फोन आए, तो उससे पुराने स्मार्टफोन को रिप्लेस करना संभव नहीं है।