निम्नलिखित विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं को आधार पर 80-100 शब्दो मे एक अनुच्छेद लिखिए।
*गुरु शिष्य संबंध*
• प्राचीन काल में गुरु शिष्य संबंध
• वर्तमान काल में गुरु शिष्य स्तिथि
• कारण
• निवारण
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गुरु शिष्य : गुरु शिष्य संबंध
सांसारिक जीवन में पिता-पुत्र, माता-पुत्र या पुत्री, पति-पत्नी वगैरह के संबंध हैं। इसके अलावा संसार में गुरु-शिष्य का संबंध भी है। यह एक ऐसा संबंध है जिसमें गुरु को समर्पित होने के बाद में शिष्य पूरा जीवन उनके प्रति सिन्सियर रहता है और गुरु के प्रति परम विनय में रहकर, वह गुरु की सभी आज्ञाओं का पालन करके अंत में आध्यात्मिक सिद्धि प्राप्त करता है। इस पुस्तक में गुरु-शिष्य का आदर्श संबंध कैसा होना चाहिए, उसका सुंदर विवरण है।
आज गुरु के बारे में अनेक अलग-अलग मान्यताएँ हैं इसलिए लोग बहुत भ्रमित हो जाते हैं कि सच्चे गुरु को कैसे खोजें। इस विषय पर ज्ञानीपुरुष दादाश्री को अनेक प्रकार के प्रश्न पूछे गए और सभी प्रश्नों के उन्होंने प्रश्नकर्ताओं को सटीक और संतोषदायक उत्तर दिए हैं।
साधारणतया लोग गुरु, सतगुरु, और ज्ञानी को एक ही कक्षा में रखते हैं। जब कि इस पुस्तक में दादाश्री ने इन तीनों के बीच की भेदरेखा बताते हैं।
इस लक्ष्य और दृष्टि के साथ कि गुरु और शिष्य दोनों मोक्ष के मार्ग पर आगे बढ़ें। दादाश्री ने जो कि ज्ञान की उच्चतम स्थिति में है, हमें गुरु-शिष्य के संबंध के बारे में सही दृष्टि और समझ दी है।