Hindi, asked by hk8387121, 1 month ago

निम्ननिखखत गद्यंश को ध्ययिपूववक पढ़कर निए गए नवकल्ों में से सही नवकल् चुनिए :

घड़े को जल स़े भर द़ेऩे पर उस़े मस्तक पर रखकर मीलोों चल़े जाइए, एक ब ोंद पानी भी छलक कर बाहर नहीों गिऱेिा। गकों तु गजस घड़े में जल की मात्रा कम होिी, वह छलकता रह़ेिा, मानो वह पुकार-पुकार कर कह रहा हो गक उसमें जल है। अथाह जल का स्वामी समुद्र वर्ााकाल में सामान्य स्थथगतयोों में मयाादा लााँघकर बाढ़ का आतोंक नहीों पैदा करता, गकन्तु छोटी-छोटी नगदयााँ अपऩे तटवती क्ष़ेत्रोों को तहस-नहस कर डालती हैं। इसी तरह गजस मनुष्य में वास्तगवक गवद्वत्ता होती है, वह अपऩे पाोंगडत्य का गढोंढोरा नहीों पीटता, बस्ि सदा गवनम्र एवों गनरहोंकार बना रहता है। कम पढ़ा-गलखा व्यस्ि ही बात-बात में गमथ्या पाोंगडत्य-प्रदर्ान की च़ेष्टा करता है। जो वस्तुतः धनवान होता है, लोिोों स़े यह नहीों कहता-गिरता गक वह धनवान है। उसका रहन-सहन, आचारगवचार सादिी स़े प र्ा होता है ल़ेगकन साधारर् स्थथगत का व्यस्ि सदैव यह गदखलाऩे का प्रयत्न करता है गक वह धनी और सोंपन्न व्यस्ि है। अभावग्रस्त लोिोों को सदा यही कुों ठा ब़ेचैन बनाए रखती है गक व़े अभावग्रस्त हैं, गजस पर गवजय पाऩे क़े गलए व़े गमथ्या-प्रदर्ान की आड ल़ेत़े हैं। प र्ाता िोंभीरता एवों गवनम्रता को जन्म द़ेती है, गकों तु अप र्ाता चोंचलता को। आज गवश्व में या समाज में जो भी आपा-धापी, उत्त़ेजना तथा अर्ाोंगत गदखाई पडती है उसका म ल कारर् अध रापन ही है। धन, गवद्या, पद आगद की प र्ाता पर ही र्ाोंगत-सुख गनभार करत़े हैं।

(क) घड़े स़े एक ब ोंद भी पानी नहीों गिरता, क्ोोंगक (i) घड़े स़े पानी की मात्रा कम होती है। (ii) घडा मस्तक पर रखा होता है। (iii) आध़े घड़े में जल भरा होता है। (iv) घडा जल स़े लबालब भरा होता है।

(ख) कम पढ़ा-गलखा व्यस्ि पाोंगडत्य-प्रदर्ान करता है: (i) धनवान होऩे क़े कारर् (ii) अज्ञान क़े कारर् (iii) अहोंकार क़े कारर् (iv) प्रदर्ान-गप्रयता क़े कारर्

(ि) अभावग्रस्त लोि गवजय पाऩे क़े गलए क्ा करत़े हैं? (i) गवनम्रता प्रदर्ान (ii) समृस्ि प्रदर्ान (iii) गमथ्या प्रदर्ान (iv) ब़ेचैनी प्रदर्ान​

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Answered by kavita10388
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sorry I don't know this answer and sorry

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