निम्ननलखखत िी गई रूपरेखा केआधार पर कहािी नलखखए तर्था उसेशीषषक भी िीनिए। (शब्द मयाषिा
८० से१०० शब्द)
१) मुद्दे- एक क्र धी महात्मा- ििी के नकिारेतपस्या करिा- एक निि एक ध बी द्वारा कपडेध िा- छींटे
पडिा- महात्मा का गुस्सा ह िा - स्नाि करिेिािा - ध बी का भी स्नाि करिेिािा – पूछिेपर बतािा नक
आपकेक्र ध सेअपनित्र – महात्मा की आंखेंखुलिा – सीख।
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Answer:
bro yur quetion is out of mind
दी गई रूपरेखा के आधार पर कहानी निम्न प्रकार से लिखी गई है।
एक गांव में एक महात्मा था जो नदी किनारे तप किया करता था।
वह महात्मा क्रोधी प्रवृत्ति का था। एक दिन जब वह महत्मा नदी किनारे तपस्या कर रहा था, वहां एक धोबी कपड़े धोने आया। कपड़े धोते समय कुछ पानी के छींटे महात्मा के शरीर पर भी पड़े।
महात्मा इस बात पर बहुत क्रोधित हुए व उसने धोबी से कहा कि वह अपवित्र हो गया तथा उसे फिर से स्नान करना होगा।
ऐसा कहकर महात्मा नदी की ओर चल पड़ा। महात्मा के साथ धोबी भी स्नान करने चल पड़ा तब महात्मा ने धोबी से पूछा कि तुम क्यों स्नान करने चल रहे हो, धोबी ने उत्तर दिया " आपके क्रोध के कारण मै अपवित्र हो गया इसलिए नदी में स्नान करने जा रहा हूं ।"
धोबी की बात सुनकर महात्मा की आंखें खुली व उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ ।
शीर्षक - इस कहानी का उचित शीर्षक होगा " क्रोधी महात्मा"
सीख - इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि चाहे संत हो या महात्मा , जब तक वह सच्चे मन से मालिक की भक्ति नहीं करता , वह अपने क्रोध कर काबू नहीं कर सकता।