Hindi, asked by choprasiddharth10, 1 day ago

निम्र्लिखित विषय पर संकेत बिंदूओ के आधार पर 100 से 120 शब्दो मे अनुछेद लिखिए|


'करत-करत अभ्यास जड़मति होत सुजान'


संकेत बिंदू :-


निरंतर अभ्यास ही सफलता का मूल मंत्र|


निरंतर अभ्यास करने से ही जीवन मे पूर्णता पाई जा सकती है|


हर क्षेत्र मे अभ्यास का महत्व|


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Answers

Answered by reemamauryavanshi145
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Answer:

किसी कवि का यह कथन बड़ा ही सार्थक है :

‘करत-करत अभ्यास के, जड़मति होत सुजान।

रसरी आवत जात ते, सिल पर परत निसान॥’

किसी भी रचना में परिपक्वता अभ्यास से आती है। अभ्यास के बल पर एकलव्य प्रखर धनुर्धर; कालिदास, वाल्मीकि और तुलसीदास महाकवि; बोपदेव संस्कृत-प्राकृत के समर्थ वैयाकरण, अमिताभ बच्चन शती के महान ‘एक्टर’ और कपिलदेव शती के महान क्रिकेटर’ सिद्ध हुए। निरंतर अभ्यास जीवन में साधना का एक रूप है, जिसका सुख साधक को‌ स्वतः मिलता है।

Explanation:

सफलता के लिए किया गया परिश्रम अभ्यास से ही फलित होता है। अत:उन्नति और सफलता का मूल-मंत्र अभ्यास है।सफलता के लिए किया गया परिश्रम अभ्यास से ही फलित होता है। एक बार किया हुआ श्रम मनवांछित फल नहीं देता; बार-बार के अभ्यास से ही फल-सिद्धि होती है। चाहे निर्माण कार्य हो, कला-कौशल को सीखना हो, किसी लक्ष्य तक पहुँचना हो अथवा विद्याध्ययन हो, सर्वत्र अभ्यास की आवश्यकता है। यहाँ तक कि प्रतिभावान व्यक्ति भी यदि अभ्यास न करे तो वह आगे नहीं बढ़ सकता।

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