Hindi, asked by suhanashukoor77, 6 hours ago

निम्रलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प छाँटिए शिक्षा ही मानव को मानव के प्रति मानवीय भावनाओं से पोषित करती है। शिक्षा से मनुष्य अपने परिवेश के प्रति जाग्रता होकर कर्त्तव्याभिमुख हो जाता है। 'स्व' से 'पर' की ओर अग्रसर होने लगता है। निर्बल की सहायता करना, दुःखियों के दुःख दूर करने का प्रयास करना, दूसरों के दुःख से दुःखी हो जाना और दूसरों के सुख से स्वयं सुख का अनुभव करन जैसी बातें एक शिक्षित मानव में सरलता से देखने को मिल जाती है। इतिहास, साहित्य, राजनीतिशास्त्र, समाजशास्त्र दर्शनशास्त्र इत्यादि पढ़कर विद्यार्थी विद्वान ही नहीं बनता, वरन उसमें एक विशिष्ट जीवन-दृष्टि, रचनात्मकता औ परिपक्वता का सृजन भी होता है। शिक्षित सामाजिक परिवेश में व्यक्ति अशिक्षित सामाजिक परिवेश की तुलना में सदै ही उच्च स्तर पर जीवनयापन करता है। आज आधुनिक युग में शिक्षा का अर्थ बदल रहा है। शिक्षा भौतिक आकांक्षा पूर्ति का साधन बनती जा रही है। व्यावसायिक शिक्षा के अंधानुकरण में छात्र सैद्धांतिक शिक्षा से दूर होते जा रहे हैं, जिस कारण रूस की क्रांति, फ्रांस की क्रांति, अमेरिका की क्रांति, समाजवाद, पूँजीवाद, राजनीतिक व्यवस्था, सांस्कृतिक मूल आदि की सामान्य जानकारी भी व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों को नहीं है। यह शिक्षा का विशुद्ध रोजगारोन्मु रूप है। शिक्षा के प्रति इस प्रकार का संकुचित दृष्टिकोण अपनाकर विवेकशील नागरिकों का निर्माण नहीं किया जा सक
(1) निम्नलिखित में से प्रस्तुत गद्यांश का सर्वाधिक उपयुक्त शीर्षक क्या होगा? (क) शिक्षा का दुरुपयोग (ख) शिक्षा का महत्त्व (ग) शिक्षित व्यक्ति और शिक्षा (घ) आधुनिक शिक्षा व्यवस्था

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Answered by monuyadav87696
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शिक्षा का महत्व

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Answered by aryankokku4
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bhai Hind nhi ate hai tho english me translate kar ke fir se bhejo

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