निमन्लिखित वाक्यो के वाच्य भेद बताए?
1.) अक्ष्य खेल रहा है।
2.) सारे फूल बिखर गए।
3.) नदी बह रही है।
4.) बच्चा गेंद से खेलता है।
5.) दवाई दे दी गई।
6.) शिकाथी ने जाल बिछाया।
7.) हलवाई मिठाई बनाता है।
8.) भाषण समाप्त हो गया।
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Explanation:
वाच्य के भेद – वाच्य के मुख्य तीन भेद हैं।
1. कर्तृवाच्य – जिस वाक्य में कर्ता की प्रधानता हो तथा क्रिया के लिंग, वचन और पुरुष कर्ता के अनुसार हों, उसे कर्तृवाच्य कहते हैं। जैसे
मैं व्यायाम करता हूँ।
लड़की दौड़ रही है।
अंशु फूल तोड़ रही है।
उपर्युक्त वाक्यों में आए क्रिया-पद करता हूँ’ ‘तोड़ रही है’ तथा दौड़ रही है। कर्ता के लिंग वचन के अनुसार प्रयोग किए गए। हैं। इन वाक्यों में प्रधानता कर्ता की है। अतः विभक्ति चिह्न के साथ कारक वाले वाक्य भी कर्तृवाच्य कहलाते हैं।
2. कर्मवाच्य – क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि क्रिया का प्रयोग कर्म के अनुसार हुआ है यानी उसके लिंग, वचन और पुरुष कर्म के अनुसार हैं, उसे कर्मवाच्य कहते हैं। जैसे
सौरभ से खाना खाया जाता है।
भावना से पुस्तक पढ़ी जाती है।
3. भाव वाच्य – जिस क्रिया में भाव की प्रधानता होती है और क्रिया एकवचन पुल्लिंग होत है उसे भाववाच्य कहते हैं। जैसे
रोगी से सोया नहीं जाता।
राम से चला नहीं जाता।
वाच्य परिवर्तन