Hindi, asked by chhotubhaijibhaiji, 16 days ago

ङ) मनुष्य का शरीर जड़ पिण्ड है।​

Answers

Answered by yashesvi1416
2

Answer:

Stream hylt to 1Billion and I will tell this answer

Explanation:

Watch how you like that mv by blackpink

Answered by shilpa85475
0

मनुष्य का शरीर जड़ पिण्ड है।

  • नश्वर जीवन शरीर के रूप में शुरू होता है और शरीर रूप में ही घुल जाता है। मोक्ष प्राप्ति के लिए गया में हर बार पितृ-तीर्थ किया जाता है। पिंडदान और पितृ-तर्पण पितरों को किया जाता है। जीवन के चार पुरुषार्थ हैं|
  • अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष। इन चारों पुरुषार्थों में से पितृ पक्ष को मोक्ष प्राप्ति के लिए उत्तम माना जाता है। भाद्रपद पूर्णिमा से अश्विन अमावस्या तक का समय पितृ पर्व के रूप में मनाया जाता है।
  • इसमें हम पितरों की पीठ थपथपाते हैं, जिसे श्राद्ध-पर्व भी कहते हैं। इसमें पिंडदान और तर्पण का विधान सर्वोपरि है, गया को पितृ-तर्पण के लिए उपयुक्त भूमि माना गया है। इसका सर्वप्रथम उल्लेख 'विष्णु सूत्र' और 'वायु पुराण' में मिलता है।
  • जहां यह उद्धृत किया गया है कि गया के रंगीन पिंडवेदियों पर फाल्गु गर्भगृह में तर्पण और पिंड दान करने से पितृ संतुष्ट होते हैं। ऐसा माना जाता है कि परलोक के 'तार' इस दुनिया से जुड़ते हैं।
  • वर्तमान में गया के विष्णुपद सहित 54 पिंडवेदियों पर पिंडदान की रस्म निभाई जाती है। यह पंचकोसी क्षेत्र में स्थित है। नश्वर जीवन का स्वरूप शरीर से ही प्रारंभ होता है। मामा के गर्भ में हम सूक्ष्म रूप के बाद शरीर रूप में आते हैं। यह शरीर पांच मूल तत्वों से बना है |

#SPJ3

Similar questions