Math, asked by qureshimuskan115, 4 months ago

निमनलिखित मे बहुपद है​

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Answered by 2002nibedita
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Answer:

पदों की संख्या के अनुसार इसके विशिष्ट उपनाम 'एकपद' (monomial), 'द्विपद' (binomial), आदि होते हैं। उच्चतर गणित में बहुपद का विशिष्ट उपयोग ऐसे व्यंजक के लिए होता है जिसके पदों में किसी एक चर राशि, या एक से अधिक चर राशियों, के शून्य अथवा धन पूर्णांक घात आरोह या अवरोह क्रम में हो, यथा

3x + x2 - x4 . . . . . . . . . . . . (1)

-6x6y + 5px2yx2 - a x . . . . . . . . . . . . (2)

व्यंजक (1) (x) का बहुपद है और (2) x, y z, का तथा उसमें (a) अचर (constant) है। यदि (x) के स्थान में सर्वत्र कोई अन्य व्यंजक मान लें, log x रख दिया जाए, तो नया व्यंजक log x का व्यंजक कहलाएगा। पदों के घातों में से महत्तम को बहुपद का घात (डिग्री) कहते हैं। यदि एक से अधिक चर राशियाँ हों, तो विभिन्न पदों में चर राशियों के घातों के योगफलों में से महत्तम को बहुपद का घात कहते हैं। इस प्रकार बहुपद (1) का घात 4 है और (2) का 7। ऐसा भी कहा जाता है कि बहुपद (2) (x) में छठे घात का और (y) में द्वितीय घात का है।

दो बहुपदों का योगफल, अंतर और गुणनफल बहुपद ही होता है, किंतु उनका भागफल बहुपद नहीं होता। दो बहुपदों के भागफल को, जिनमें एक संख्या मात्र भी हो सकता है, परिमेय फलन (rational function) कहते हैं। चर (x) में घात (m) का व्यापक बहुपद यह है :

ao xm +a1 xm-1+.....+am, जहाँ ao अशून्य है

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