नानी, आप कैसी हैं? आपकी बहुत याद आती है। आपको पता है कि मैंने एक बहुत मज़ेदार
कविता पढ़ी है। उसका नाम है-अगर पेड़ भी चलते होते। इसमें पेड़ों के चलने की कल्पना
की गई है। अगर पेड़ चलते होते तो मैं उसके तने में रस्सी बाँधकर उसे कहीं भी ले जाती।
ज़्यादा धूप होने पर उसकी छाया में आराम करती। वर्षा होने पर उसके नीचे छिप जाती।
जब कभी भी भूख लगती तो उसके मीठे फल तोड़कर खा लेती। यदि बाढ़ आ जाती तो
उसके ऊपर चढ़कर अपने आपको बचा लेती। पेड़ हमारे सबसे अच्छे मित्र हैं। मैं आशा करती
हूँ कि आपको भी पेड़ों की ऐसी कल्पना के बारे में पढ़ना रोचक लगा होगा। नानाजी, मामाजी
व मामीजी को मेरी नमस्ते कहना। चिंटू को प्यार देना।
नानी, आप मुझसे मिलने जल्दी आना।
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very nice.............
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These is the story, what we have to do here
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