नैनं छिद्रन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावक: ।
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुत ॥
इस श्लोक का अर्थ है: आत्मा को न शस्त्र काट सकते हैं, न आग उसे जला सकती है। न पानी उसे भिगो सकता है, न हवा उसे सुखा सकती है।
इसीलिए अपना मन अपनी आत्मा को पवित्र रखे।
#सुप्रभात!!
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सुप्रभात : मित्र।
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अच्छा लगा पढ़कर अश्लोक ।।।
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lol I also don't know the answer
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