Hindi, asked by hansrajbjarud, 3 days ago

न.३) निम्नलिखित पठित पूरक पठन (पद्य) पर आधारित कृतियाँ कीजिए। वे सिर से पैर तक मस्त-मौला थे। मस्त - जो पुराने कृत्यों का हिसाब नहीं रखता, वर्तमान कमों को सर्वस्व नहीं समझता और भविष्य में सब-कुछ झाड-फटकार निकल जाता है। जो दुनियादार किए-कराए का लेखा-जोखा दुरुस्त रखता है वह मस्त नहीं हो सकता। जो अतीत का चिट्ठा खोले रहता है वह भविष्य का क्रांतदर्शी नहीं बन सकता। जो मतवाला है वह दुनिया के माप-जोख से अपनी सफलता का हिसाब नहीं करता। कबीर जैसे फक्कड़ को दुनिया की होशियारी से क्या वास्ता? ये प्रेम के मतवाले थे मगर अपने को उन दीवानों में नहीं गिनते थे जो माशूक के लिए सर पर कफन बाँधे फिरते हैं.... १) आकृती पूर्ण कीजिए। (२) मस्त मौला के लक्षण →मस्त मौलाना के लक्षण ​

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Answered by Itzking124
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निम्नलिखित पठित पूरक पठन (पद्य) पर आधारित कृतियाँ कीजिए। वे सिर से पैर तक मस्त-मौला थे। मस्त - जो पुराने कृत्यों का हिसाब नहीं रखता, वर्तमान कमों को सर्वस्व नहीं समझता और भविष्य में सब-कुछ झाड-फटकार निकल जाता है। जो दुनियादार किए-कराए का लेखा-जोखा दुरुस्त रखता है वह मस्त नहीं हो सकता। जो अतीत का चिट्ठा खोले रहता है वह भविष्य का क्रांतदर्शी नहीं बन सकता। जो मतवाला है वह दुनिया के माप-जोख से अपनी सफलता का हिसाब नहीं करता। कबीर जैसे फक्कड़ को दुनिया की होशियारी से क्या वास्ता? ये प्रेम के मतवाले थे मगर अपने को उन दीवानों में नहीं गिनते थे जो माशूक के लिए सर पर कफन बाँधे फिरते हैं.... १) आकृती पूर्ण कीजिए। (२) मस्त मौला के लक्षण →मस्त मौलाना के लक्षण

Answered by kkirti1515
1

Answer:

hope it will help you

MARK ME AS BRAINLIESTS ANSWER

plz plz plz I am in need

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