निन्दा कुछ लोगों की पूँजी होती है। बड़ा लम्बा चौड़ा व्यापार फैलाते हैं वेइस पूँजी से। कई लोगों की प्रतिष्ठा ही दूसरों की कलंक कथाओं केपरायण पर आधारित होती है। बड़े रस विभोर होकर वे जिस-जिस भीसत्य कल्पित कलंक कथा सुनाते है और स्वयं को पूर्ण संत समझने कीतुष्टि का अनुभव करते हैं।1.गद्यांश का शीर्षक लिखिए।2.गद्यांश का सारांश लिखिए।
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निन्दा कुछ लोगों की पूँजी होती है। बड़ा लम्बा चौड़ा व्यापार फैलाते हैं वे इस पूँजी से। कई लोगों की प्रतिष्ठा ही दूसरों की कलंक कथाओं के
परायण पर आधारित होती है। बड़े रस विभोर होकर वे जिस-जिस भी
सत्य कल्पित कलंक कथा सुनाते है और स्वयं को पूर्ण संत समझने की
तुष्टि का अनुभव करते हैं।
1.
गद्यांश का शीर्षक लिखिए।
2.
गद्यांश का सारांश लिखिए।
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