निनादय नवीनामये वाणि!, वीणाम्
मृदुं गाय गीति ललित-नीति-लीनाम् ।
मधुर-मञ्जरी-पिञ्जरी-भूत-माला:
वसन्ते लसन्तीह सरसा रसाला:
कलापाः ललित-कोकिला-काकलीनाम् ॥1॥
निनादय... इस पूरे कविता का हिंदी अनुवाद करें
Answers
Answered by
0
Answer:
निनादय नवीनामये वाणि! वीणाम् मृदुं गाय गीति ललित-नीति-लीनाम् । मधुर-मञ्जरी-पिञ्जरी-भूत-मालाः वसन्ते लसन्तीह सरसा रसालाःकलापाः ललित-कोकिला-काकलीनाम् ॥निनादय...॥ अर्थ- हे सरस्वती (वाणी)!
Answered by
0
Answer:
question answer
निनादय नवीनामये वाणि!, वीणाम्
मृदुं गाय गीति ललित-नीति-लीनाम् ।
मधुर-मञ्जरी-पिञ्जरी-भूत-माला:
वसन्ते लसन्तीह सरसा रसाला:
कलापाः ललित-कोकिला-काकलीनाम् ॥1॥
निनादय... इस पूरे कविता का हिंदी अनुवाद करें
Similar questions
English,
2 months ago
Social Sciences,
2 months ago
Computer Science,
2 months ago
Math,
4 months ago
Computer Science,
10 months ago
Hindi,
10 months ago