नैना वह छवि नाहिन भूले दया भरी चाहु दिसी की चितवनि नैन कमल दल फुले वह अवनि वह हंसनी छबीली वह मुस्कान चित चोर वह बत्तरानी मुरली हरी की veh देखन चाहूं कोरे वह घिरी गति कमल फिरावन कर ले गायन पाच्छे वह बीरि मुख बेनू बजावटी पीत पिछोरी काचे व्याख्या कीजिए
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नैना वह छवि नाहिन भूले।
दया भरी चहुँ दिसि की चितवनि नैन कमल दल फूले ।
वह आवनि वह हंसनि छबीली वह मुस्कनि चित चोरै।
वह बतरानि मुरलि हरि की वह देखन चहूँ कोरे ।
वह धीरी गति कमल फिरावन कर लै गायन पाछै।
वह बीरी मुख वेनु बजावति पीत पिछौरी काछे ।
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