नेपोलियन के पतन का क्या कारण था?
Answers
1. नेपोलियन की भूलें :-
स्पेन की शक्ति को कम समझना, मास्को अभियान में अत्यधिक समय लगाना, वाटरलू की लड़ाई के समय आक्रमण में ढील देना आदि उसकी भंयकर भूलें थीं। इसी संदर्भ में नेपोलियन ने कहा कि "मैने समय नष्ट किया और समय ने मुझे नष्ट किया। "
2. महाद्वीपीय व्यवस्था :-
महाद्वीपीय नीति नेपोलियन के लिए आत्मघाती सिद्ध हुई। इस व्यवस्था ने नेपोलियन को अनिवार्य रूप से आक्रामक युद्ध नीति में उलझा दिया जिसके परिणाम विनाशकारी हुए उसे भारी कीमत चुकानी पड़ी। इसी संदर्भ में उसे स्पेन और रूस के साथ संघर्ष करना पड़ा।
3. राष्ट्रवाद:-
दूसरे देशों में नेपोलियन का शासन विदेशी था। राष्ट्रवाद की भावना से प्रभावित होकर यूरोपीय देशों के लिए विदेशी शासन का विरोध करना उचित ही था। इस विरोध के आगे नेपोलियन की शक्ति टूटने लगी और उसे जनता के राष्ट्रवाद का शिकार होना पड़ा।
4. युद्ध:-
युद्ध दर्शन : वस्तुतः नेपोलियन का उद्भव एक सेनापति के रूप में हुआ और युद्धों ने ही उसे फ्रांस की गद्दी दिलवाई थी। इस तरीकें से युद्ध उसके अस्तित्व के लिए अनिवार्य पहलू हो गया था। उसने कहा भी ""जब यह युद्ध मेरा साथ न देगा तब मैं कुछ भी नहीं रह जाऊंगा तब कोई दूसरा मेरी जगह ले लेगा। "" अतः निरंतर युद्धरत रहना और उसमें विजय प्राप्त करना उसके अस्तित्व के लिए जरूरी था, लेकिन यही युद्ध उसके लिए घातक भी सिद्ध हुआ।
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नेपोलियन के पतन के कारण 2
औद्योगिक क्रांति-
कहा जाता है कि उसकी पराज वाटरलु के मैदान में न होकर मैनचेस्टर के कारखानों और बरकिंगधन के लोहे के भदियाँ में हुई। औद्योगिक क्रांति के फलस्वरुप इंगलैंड में बड़े -2 कारखाने खोले गए और देखते ही देखते इंगलैंड समृद्ध बन गया। फलत: वह अपनी सेना की आधुनिक हत्यार से सम्पन्न कर सका जो नेपोलियन के लिए घातक सिद्ध हुआ।
महाद्वीपीय व्यवस्था-
महाद्वीपीय व्यवस्था उसकी जबर्दस्त भुल थी। वह इंगलैंड को सबसे बड़ा शत्रु मानता था। इंगलैंड की शक्ति का मुख्य आधार नौसेना और विश्वव्यापी व्यापार ता उसकी नौशक्ति को नेपोलियन समाप्त नहीं कर सका इसलिए उसके व्यापार पर आघात करने की चेष्टा की गई। इसी उद्देश्य से उसने महाद्वीपीय व्यवस्था को जन्म दिया उसने आदेश जारी किया कि कोई देश इंगलैंड के साथ व्यापार नहीं कर सकता है। और न तो इंगलैंड की बनी हुई वस्तु का इस्तेमाल कर सकता है। यह नेपोलियन की भयंकर भूल थी। इस व्यवस्था ने उसे एक ऐसे जाल में फसा दिया जिससे निकलना मुश्किल हो गया। इसलिए महाद्वीपीय व्यवस्था इसके पतन का मुख्य कारण माना जाता है।
पुर्तेगाल के साथ युद्ध –
पुर्तेगाल का इंगलैंड के साथ व्यापारिक संबंध था किन्तु नेपोलियन के दवाब के कारण उसे इंगलैंड से संबंध तोड़ना पड़ा। इससे पुर्तेगाल को काफी नुकसान हुआ। इसलिए उसने फिर से इंगलैंड के साथ व्यापारिक संबंध कायम किया। इसपर नेपोलियन ने क्रोधित होकर पुर्तेगाल पर आक्रमण कर दिया। यह भी नेपोलियन के लिए घातक सिद्ध हुआ।
स्पेन के साथ संघर्ष-
नेपोलियन की तीसरी भुल स्पेन के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप था। इसके लाखों सैनिक मारे गए। फलत: इस युद्ध में उसकी स्थिति बिल्कुल कमजोर हो गई। जिससे उसके विरोधियों को प्रोत्साहन मिला जब नेपोलियन ने अपने भाई को स्पेन का राजा बनाया तो वहाँ के निवासी उस विदेशी को राजा मानने के लिए तैयार नहीं थे। उन्होंने नेपोलियन की सेना को स्पेन से भगा दिया। उस विद्रोह से अन्य देशों को भी प्रोत्साहन मिला और वे भी विद्रोह करने लगे जिससे उसका पतन अवश्यम्भावी हो गया।
रुस का अभियान-
नेपोलियन ने रुस पर आक्रमण कर भारी भुल की रुस ने इसकी महाद्वीपीय व्यवस्था को स्वीकार नहीं किया। इसपर नेपोलियन ने रुस पर आक्रमण कर दिया। इसमें यद्धपि मास्को पर इसका आधिकार हो गया लेकिन उसे महान क्षति उठानी पड़ी। उसके विरोधियों ने आक्रमण करने की योजना बनाई। इसे आक्रमण में उसे पराजित होना पड़ा।
थकान-
अनेक युद्ध में लगातार व्यस्त रहने के कारण वह थक चुका था 50 सैलानियों ने लिखा है नेपोलियन के पतन का समस्त कारण एक ही शब्द थकान में निहित है। ज्यों- ज्यों वह युदध में उलझता गया त्यों- 2 उसकी शक्ति कमजोर पड़ती गई वह थक गया और उसके चलते भी उसका पतन जरुरी हो गया।