History, asked by atuldhiman665, 8 months ago

नेपोलियन किस राज्य का शासक था​

Answers

Answered by kpshroti79
0

Answer:

please meri help kar do mere questions per

Explanation:

BBC हिंदी

भारत और ब्रिटेन के बीच दीवार बनना चाहते थे नेपोलियन बोनापार्ट

17 नवम्बर 2017

इस पोस्ट को शेयर करें Email इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें Twitter इस पोस्ट को शेयर करें Whatsapp

Image copyrightHULTON ARCHIVE/GETTY IMAGESनेपोलियन बोनापार्ट

नेपोलियन बोनापार्ट फ्रांस का महान बादशाह था. कद-काठी में छोटे नेपोलियन ने अपनी बहादुरी से दुनिया के एक बड़े हिस्से पर अपना राज क़ायम किया था. आज की तारीख़ में भी बहुत कम ऐसे लोग हैं जो नेपोलियन की ऊंचाई तक तक पहुंचे. नेपोलियन के सैनिक उससे मोहब्बत करते थे, तो दुश्मन उससे ख़ौफ़ खाते थे.

ब्रिटेन के महान योद्धा ड्यूक ऑफ़ वेलिंगटन ने कहा था कि जंग के मैदान में नेपोलियन, 40 हज़ार योद्धाओं के बराबर है. एक आम आदमी से बादशाह की गद्दी तक का नेपोलियन की ज़िंदगी का सफ़र बेहद दिलचस्प रहा था. और उरूज से उनके पतन तक की कहानी भी बेहद दिलचस्प है.

Image copyrightDEAGOSTINI/GETTY IMAGESनेपोलियन बोनापार्ट

Image captionनेपोलियन के पिता कार्लो बोनापार्ट

फ्रांस की सत्ता

नेपोलियन का जन्म कोर्सिका द्वीप के अजाचियो में 15 अगस्त 1769 को हुआ था. फ्रांस ने कोर्सिका द्वीप को नेपोलियन के पैदा होने से एक साल पहले ही जेनोआ से जीता था. नेपोलियन के मां-बाप बहुत अमीर नहीं थे. वो सामंती परिवार से नहीं थे, हालांकि वो इसका दावा बहुत करते थे.

जब फ्रांस की सेना ने कोर्सिका पर हमला किया था, तो वो स्थानीय लोगों के साथ फ्रांस के विरोध में खड़े हुए थे. हालांकि बाद में उन्होंने फ्रांस की सत्ता मान ली थी. नौ साल की उम्र में नेपोलियन पढ़ाई के लिए फ्रांस चले आए. वो ख़ुद को बाहरी महसूस करते थे. फ्रांस के रीति-रिवाज से नावाक़िफ़. नेपोलियन की शुरुआती पढ़ाई ऑटुन में हुई.

Image copyrightHULTON ARCHIVE/GETTY IMAGESनेपोलियन बोनापार्ट

Image captionनेपोलियन ने मिलिट्री एकैडमी में पांच सालों तक पढ़ाई की थी

सेकेंड लेफ्टिनेंट की रैंक

इसके बाद वो पांच साल तक ब्रिएन में रहे. पढ़ाई का आख़िरी साल उन्होंने पेरिस की मिलिट्री एकेडमी में गुज़ारे. नेपोलियन को सितंबर 1785 में ग्रेजुएट की डिग्री मिली. 58 लोगों की क्लास में वो 45वें नंबर पर रहे थे. जब नेपोलियन पेरिस में थे तभी उसके पिता की मौत हो गई. परिवार पैसे की तंगी झेल रहा था.

नेपोलियन की उम्र उस वक़्त सिर्फ़ 16 बरस थी. वो परिवार के सबसे बड़े लड़के भी नहीं थे. फिर उन्होंने परिवार की ज़िम्मेदारी उठा ली. फ्रांस की सेना में नेपोलियन को तोपखाना रेजिमेंट में सेकेंड लेफ्टिनेंट की रैंक मिली थी. वो ख़ूब पढ़ते थे. सेना की रणनीति और लड़ाई से जुड़ी क़िताबें.

Image copyrightHULTON ARCHIVE/GETTY IMAGESनेपोलियन बोनापार्ट

फ्रांस में लोकतांत्रिक क्रांति

फ्रांस में रहने के दौरान उन्हें कोर्सिका की बहुत याद आती थी. अपनी क़िताब लेटर्स सुर ला कोर्स में नेपोलियन ने आज़ाद कोर्सिका की कल्पना उकेरी थी, जो फ्रांस के क़ब्ज़े से मुक्त था. डिग्री मिलने के साल यानी 1786 में ही वो कोर्सिका लौट आए और अगले दो साल तक वापस सेना की नौकरी पर नहीं गए.

1789 में फ्रांस में लोकतांत्रिक क्रांति हो गई. जनता ने बस्तील जेल पर हमला करके क़ैदियों को आज़ाद करा लिया. फ्रांस में एक नए युग की शुरुआत हो चुकी थी. फ्रांस की नई संसद ने कोर्सिका के नेता पास्कल पाओली को वापस जाने की इजाज़त दे दी. नेपोलियन भी एक बार फिर कोर्सिका लौट गए.

Image copyrightHULTON ARCHIVE/GETTY IMAGESनेपोलियन बोनापार्ट

नेपोलियन का स्वागत

शुरू में तो कोर्सिका में नेपोलियन का स्वागत हुआ. लेकिन जब उनके छोटे भाई लुसिएन ने पाओली को ब्रिटिश एजेंट कहकर विरोध शुरू किया तो कोर्सिका के लोग बोनापार्ट परिवार के ख़िलाफ़ हो गए. नेपोलियन और उनका परिवार इसके बाद फ्रांस में आकर रहने लगे. फ्रांस के प्रति वफ़ादारी दिखाने के लिए नेपोलियन को ज़्यादा वक़्त नहीं लगा.

फ्रांस की सरकार का विरोध कर रहे सैनिकों ने टूलों शहर को अंग्रेज़ों के हवाले कर दिया था. दक्षिणी फ्रांस स्थित टूलों, भूमध्यसागर में बड़ा सैनिक अड्डा था. फ्रांस के लिए टूलों को दोबारा जीतना ज़रूरी थी. अगर फ्रांस का उस पर क़ब्ज़ा नहीं होता, तो फ्रांस में हुई क्रांति पर बड़ा धब्बा लग जाता.

Image copyrightHULTON ARCHIVE/GETTY IMAGESनेपोलियन बोनापार्ट

24 की उम्र में ब्रिगेडियर जनरल

टूलों को जीतने की ज़िम्मेदारी नेपोलियन को दी गई. आख़िर में ब्रिटिश सेना को पीछे हटना पड़ा. इस जीत के बाद नेपोलियन को महज़ 24 बरस की उम्र में ब्रिगेडियर जनरल बना दिया गया. युद्ध में नेपोलियन की कामयाबियों के क़िस्से मशहूर होने लगे. सेना के कमिश्नर ने नेपोलियन की तारीफ़ में क़सीदे पढ़ते हुए चिट्ठी लिखी.

उस वक़्त फ्रांस की सत्ता मैक्सीमिलियन रॉब्सपियर के क़ब्ज़े में थी. देश उनके ज़ुल्मो-सितम से बेहाल था. हज़ारों लोगों को उसने गुलेटिन या सूली पर चढ़ा दिया था. 1794 की शुरुआत में आल्प्स पर्वत इलाक़े मे तोपखाने का इंचार्ज बनाया गया. रॉब्सपियर की ताक़त कम होने से नेपोलियन के तेज़ी से चमकते करियर पर ब्रेक लगा.

Attachments:
Answered by Uniquedosti00017
0

Answer:

hi mate...

ur answer is....

France

hope it's helpful to you ❣️✌️

Similar questions