(ङ) प्राय
(ग) अंत: करण
(च) विशेषत:
ने दिए गए वाक्यों में मोटे काले शब्दों की जगह विसर्ग चिहन व
नीचे दिए गए शब्दा
क) अत:
व) फलतः
(घ) संभवतः
हुए वाक्यों को दोबारा लिखिए-
तुम अपनी दुविधा को बिना किसी संकोच के हमें बताओ।
पलिए महंगाई की समस्या को समूल नष्ट करना अति आव
Answers
Explanation:
हिन्दी व्याकरण : एक नजर में
* भाषा,लिपि
* सर्वनाम
* वचन
* लिंग
* क्रिया
* विशेषण
* कारक
* काल
* समास
* अलंकार
* पर्यायवाची
* क्रियाविशेषण
* विलोम शब्द
* समुच्चयबोधक
* सम्बन्धबोधक
* विस्मयादिबोधक अव्यय
* अनेक शब्दों के एक शब्द
* प्रत्यय
* हिंदी संख्या
हिन्दी वर्णमाला में ५२ अक्षर होते है , जो कि निम्न है :-
स्वर :-
अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ अं अः ऋ ॠ ऌ ॡ
व्यंजन :-
क ख ग घ ङ
च छ ज झ ञ
ट ठ ड ढ ण (ड़, ढ़)
त थ द ध न
प फ ब भ म
य र ल व
स श ष ह
क्ष त्र ज्ञ
नोट :- यह वर्णमाला देवनागरी लिपि की है। देवनागरी लिपि में संस्कृत,मराठी,कोंकणी ,नेपाली,मैथिली आदि भाषाएँ लिखी जाती है।
यहाँ पर ध्यान देने योग्य बात है कि हिंदी में ॠ ऌ ॡ का प्रयोग प्रायः नहीं होता।
हिन्दी संख्याएँ एक से लेकर सौ तक
० शून्य
१ एक
२ दो
३ तीन
४ चार
५ पाँच
६ छह
७ सात
८ आठ
९ नौ
१० दस
११ ग्यारह
१२ बारह
१३ तेरह
१४ चौदह
१५ पन्द्रह
१६ सोलह
१७ सत्रह
१८ अठारह
१९ उन्नीस
२० बीस
२१ इक्कीस
२२ बाईस
२३ तेईस
२४ चौबीस
२५ पच्चीस
२६ छब्बीस
२७ सत्ताईस
२८ अट्ठाईस
२९ उनतीस
३० तीस
३१ इकतीस
३२ बत्तीस
३३ तैंतीस
३४ चौंतीस
३५ पैंतीस
३६ छत्तीस
३७ सैंतीस
३८ अड़तीस
३९ उनतालीस
४० चालीस
४१ इकतालीस
४२ बयालीस
४३ तैंतालीस
४४ चौवालीस
४५ पैंतालीस
४६ छियालीस
४७ सैंतालीस
४८ अड़तालीस
४९ उनचास
५० पचास
५१ इक्यावन
५२ बावन
५३ तिरेपन
५४ चौवन
५५ पचपन
५६ छप्पन
५७ सत्तावन
५८ अट्ठावन
५९ उनसठ
६० साठ
६१ इकसठ
६२ बासठ
६३ तिरेसठ
६४ चौंसठ
६५ पैंसठ
६६ छियासठ
६७ सड़सठ
६८ अड़सठ
६९ उनहत्तर
७० सत्तर
७१ इकहत्तर
७२ बहत्तर
७३ तिहत्तर
७४ चौहत्तर
७५ पचहत्तर
७६ छिहत्तर
७७ सतहत्तर
७८ अठहत्तर
७९ उनासी
८० अस्सी
८१ इक्यासी
८२ बयासी
८३ तिरासी
८४ चौरासी
८५ पचासी
८६ छियासी
८७ सत्तासी
८८ अट्ठासी
८९ नवासी
९० नब्बे
९१ इक्यानबे
९२ बानबे
९३ तिरानबे
९४ चौरानबे
९५ पंचानबे
९६ छियानबे
९७ सत्तानबे
९८ अट्ठानबे
९९ निन्यानबे
१०० सौ
संख्याएँ
हिन्दी शब्द
१,०००
हजार
१,००,०००
लाख
१,००,००,०००
करोड़
१,००,००,००,०००
अरब
१,००,००,००,००,०००
खरब
1.भाषा, व्याकरण और बोली
परिभाषा- भाषा अभिव्यक्ति का एक ऐसा समर्थ साधन है जिसके द्वारा मनुष्य अपने विचारों को दूसरों पर प्रकट कर सकता है और दूसरों के विचार जाना सकता है।
संसार में अनेक भाषाएँ हैं। जैसे-हिन्दी,संस्कृत,अंग्रेजी, बँगला,गुजराती,पंजाबी,उर्दू, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, फ्रैंच, चीनी, जर्मन इत्यादि।भाषा के प्रकार- भाषा दो प्रकार की होती है-
1. मौखिक भाषा।
2. लिखित भाषा।
आमने-सामने बैठे व्यक्ति परस्पर बातचीत करते हैं अथवा कोई व्यक्ति भाषण आदि द्वारा अपने विचार प्रकट करता है तो उसे भाषा का मौखिक रूप कहते हैं।
जब व्यक्ति किसी दूर बैठे व्यक्ति को पत्र द्वारा अथवा पुस्तकों एवं पत्र-पत्रिकाओं में लेख द्वारा अपने विचार प्रकट करता है तब उसे भाषा का लिखित रूप कहते हैं।
व्याकरण
मनुष्य मौखिक एवं लिखित भाषा में अपने विचार प्रकट कर सकता है और करता रहा है किन्तु इससे भाषा का कोई निश्चित एवं शुद्ध स्वरूप स्थिर नहीं हो सकता। भाषा के शुद्ध और स्थायी रूप को निश्चित करने के लिए नियमबद्ध योजना की आवश्यकता होती है और उस नियमबद्ध योजना को हम व्याकरण कहते हैं।परिभाषा- व्याकरण वह शास्त्र है जिसके द्वारा किसी भी भाषा के शब्दों और वाक्यों के शुद्ध स्वरूपों एवं शुद्ध प्रयोगों का विशद ज्ञान कराया जाता है।
भाषा और व्याकरण का संबंध- कोई भी मनुष्य शुद्ध भाषा का पूर्ण ज्ञान व्याकरण के बिना प्राप्त नहीं कर सकता। अतः भाषा और व्याकरण का घनिष्ठ संबंध हैं वह भाषा में उच्चारण, शब्द-प्रयोग, वाक्य-गठन तथा अर्थों के प्रयोग के रूप को निश्चित करता है।व्याकरण के विभाग- व्याकरण के चार अंग निर्धारित किये गये हैं-
1. वर्ण-विचार।
2. शब्द-विचार।
3. पद-विचार।
4. वाक्य विचार।
Answer:
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Explanation:
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