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पाठांत प्रश्न
1. 19वीं सदी के भारत में सामाजिक प्रथाओं के अस्तित्व के बारे में बताए।
2. आपको क्यों लगता है कि सुधारों के लिए समाज को जगाने की जरूरत थी?
3. आपको ऐसा क्यों लगता है कि समाजिक सुधार आंदोलन का धार्मिक सुधारों के बिना को
अर्थ नहीं है?
4. क्या आपको लगता है कि सुधारक भारतीय समाज में परिवर्तन लाने में सक्षम थे?
5. सामाजिक-धार्मिक
सुधार
आंदोलनों ने किस प्रकार राष्ट्रीय आंदोलन का नेतृत्व किया?
6. जाति व्यवस्था एवं विधवा पुनर्विवाह की वकालत में सुधारकों की भूमिका स्पष्ट करें।
(क) राजा राम मोहन राय
(ख) ईश्वर चंद्र विद्यासागर
(ग) ज्योतिबा फले
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Explanation:
- 19वी सदी में भारत अनेक रूढ़िवादी सामाजिक प्रथाओं से घिरा हुआ था।
- दहेज प्रथा, विधवा ,लड़कियों की अशिक्षा, बाल विवाह आदि जैसी कई अनेक सामाजिक बुराइयां थी।
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Answer:
kya aap ko lag ta hai ki shudhar bhartiye samaj mai paribartan lane mai sachm thai
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