(ङ) पक्षी स्वतंत्र रहकर क्या खाना-पीना पसंद करेंगे?
2) हम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता के आधार पर आपने किसी पक्षी को
आज़ाद करने में मदद की हो अथवा आज के समय में किसी व्यक्ति की किसी
तरह से मदद की हो तो पूरी घटना लिखिए। (80 से 100 शब्दों में)
Answers
(ङ) पक्षी स्वतंत्र रहकर क्या खाना-पीना पसंद करेंगे?
यह प्रश्न हम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता से लिया गया है| यह कविता श्री शिव मंगल सिंह सुमन द्वारा लिया गया है | अगर हम हम उन्हें पिंजरे में बंद कर देंगे तो वो अपना स्वाभिक खो देंगे , चहकना भूल जाएगे , उड़ना भूल जाएगे |
पिंजरे में बंद होने से अच्छा हम बहार नुम के कड़वे पत्ते खाना पसंद करते है | पक्षियों की इच्छा खुले आसमान में उड़ने की है | नदी-झरनों का बहता जल पीना चाहते है। वह आकाश को छूना चाहते है | अपनी इच्छा से ऊँची-से-ऊँची उड़ान भरना चाहते है , पेड़ों पर घोंसले बनाकर रहना चाहते है, नदी-झरनों का जल पीना, फल-फूल खाना चाहते है |
2) हम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता के आधार पर आपने किसी पक्षी को आज़ाद करने में मदद की हो :
उत्तर : मेरे दोस्त ने अपने घर में एक तोते को पाल रखा था | जब मैंने एक दिन उसके घर गया , तब मैंने देखा कि उसने एक तोता पाला हुआ था | उसने तोते एक सुन्दर से पिंजरें में रखा हुआ था | तोता को देखकर लग रहा था कि वह बिलकुल खुश नहीं है | मुएज उस तोते को देखकर बहुत दुःख हो रहा था , तोते के पास सब कुछ होते हुए भी वह खुश नहीं था |
मुझे तोते को देखकर ऐसा लग रहा था कि तोता आजाद होना चाहता है , वह उड़ना चाहता है | मैं अपने दोस्त से बिना पूछे उसे पिंजरें से आजाद कर दिया |