Biology, asked by bigbrother1012000, 10 days ago

(ङ) रूचिर और लसीका में अन्तर लिखिए।​

Answers

Answered by lizanawaz8
0

Explanation:

रुधिर (Blood)

रुधिर संयोजी ऊतक का रूपान्तर है तथा द्रवों की शांति प्रवाहित हो सकने के कारण तरल संयोजी ऊतक कहलाता है। यह वाहिनियों द्वारा शरीर के प्रत्येक अंग में बहता रहता है तथा पदार्थों के परिवहन का कार्य करता है। अतः इसे परिसंचारी ऊतक (circulatory tissue) भी कहते हैं। रुधिर का प्रमुख कार्य ऑक्सीजन को फेफड़ों से शरीर के सभी भागों में पहुँचाना तथा कार्बन डाईऑक्साइड को शरीर के भागों से फेफड़ों तक लाना है। इसे अतिरिक्त पोषण पदार्थ, वर्ण्य पदार्थ, हॉर्मोन आदि भी रुधिर द्वारा शरीर के एक भाग से दूसरे में पहुँचाये जाते हैं।

लसीका (Lumph)

लसीका एक रंगहीन तरल पदार्थ है जो ऊतकों एवं रुधिर वाहिनियों के बीच के रिक्त स्थान में पाया जाता है। यह रुधिर प्लाज्मा का ही अंश है जो रक्त केशिकाओं (Blood capillaries) की पतली दीवारों से विसरण (diffusion) द्वारा बाहर निकलने से बनता है। इसके साथ श्वेत रक्त-कणिकाएं (WBC) बाहर आ जाती हैं परन्तु इसमें लाल-रक्त कणिकाएं (RBC) नहीं होतीं, परन्तु इसमें रुधिर के ही समान लसीका-कणिकाएं (lymphocytes) तथा सूक्ष्म मात्रा में कैल्शियम एवं फॉस्फोरस के आयन पाये जाते हैं। विभिन्न अंगों के ऊतकों के सम्पर्क में होने के कारण लसीका में ग्लूकोस, एमीनो अम्ल, वसीय अम्ल, विटामिन्स लवण तथा उत्सर्जी पदार्थ (CO, यूरिया) भी इसमें पहुँच जाते हैं।

Similar questions