निराकार अंधेरी रात में ज्योति पूंज की तरह टिमटिमाते इस जगत
जाल को कौन साकार देता है?
Answers
निराकार की कोई शक्ल नहीं
देवियो, भाइयो! सृष्टि की सारी शक्तियाँ निराकार होती हैं। इन शक्तियों की कोई शक्ल नहीं हो सकती है। गर्मी की कोई शक्ल हो सकती है? नहीं, गर्मी की कोई शक्ल नहीं हो सकती। लकड़ी में जब गर्मी पैदा हो जाती है, तो वह आग के रूप में जल तो सकती है, पर गर्मी की अपनी कोई शक्ल नहीं होती। सर्दी की कोई शक्ल हो सकती है? नहीं, सर्दी की कोई शक्ल नहीं हो सकती। प्यार की कोई शक्ल हो सकती है? कोई शक्ल नहीं हो सकती। क्रोध जब आता है, तो उसकी कोई शक्ल होती है? नहीं होती है। हाँ, क्रोध की वजह से आँखों में असर आ सकता है और आँखें लाल हो सकती हैं, पर क्रोध की अपनी कोई शक्ल नहीं होती। बिजली की कोई शक्ल है? नहीं, बेटे, बिजली की कोई शक्ल नहीं है। बिजली जब पंखे में चलती है, तो पंखा घूमता है। बल्ब में चलती है, तो बल्ब चमकता है, लेकिन बिजली की अपनी कोई शक्ल नहीं है। जो- जो चीजें व्यापक हैं, उनकी कोई शक्ल नहीं हो सकती। जो चीजें स्थानीय हैं, उनकी ही शक्ल बन सकती है। जो सब जगह समाया होगा, उसकी शक्ल कैसे बन जायेगी? उसकी शक्ल नहीं बन सकती।
मित्रो! फिर यह सवाल पैदा हो सकता है कि देवताओं की शक्ल कैसे बनीं? देवता या तो मनुष्य होने चाहिए- व्यक्ति होने चाहिए। और यदि वह व्यक्ति है, तो हम और आप जैसे आदमी होने चाहिए। देवता अगर सीमाबद्ध है, एक जगह रहते हैं, तो उसको मनुष्य होना चाहिए या अन्य प्राणी होना चाहिए। लेकिन अगर वह सर्वत्र संव्याप्त है, तो फिर उनकी शक्ल नहीं बन सकती। फिर क्या बात है कि हिन्दू धर्म में देवताओं की शक्ल कैसे बना दी गयी? दूसरे धर्मों में देवताओं की शक्ल क्यों नहीं है? मुसलमान धर्म में भगवान की कोई शक्ल नहीं बन सकती। देवता की शक्ल नहीं बन सकती। इस बात से वे नाराज होते हैं कि आपने कैसी शक्ल बना दी? ईसा को मनुष्य मानते हैं और मरियम को मनुष्य मानते हैं, इसलिए उनकी शक्ल बना देते हैं। ‘गॉड’ की शक्ल नहीं बन सकती। ईसाई कहते हैं कि गॉड की शक्ल क्यों बना देते हैं? नहीं बनाना चाहिए।
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