निराला जी की काव्यगत विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए उनका साहित्य
योगदान रहा स्पष्ट कीजिए।
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निराला जी की काव्यगत विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए उनका साहित्य योगदान रहा स्पष्ट कीजिए।
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी का हिंदी साहित्य में बहुत योगदान रहा है | निराला जी छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों के कवि एक माने जाते हैं। निराला जी रहस्यवाद और चिन्तनशील कवि थे।
व्याख्या :
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी का जन्म 21 फरवरी 1899 में मेदीनिपुर गाँव बंगाल राज्य में हुआ था | उन्होंने साहित्य की अनेक विधाओं और रचनाओं कविताओं ,कहानियों पर अपना लेख चलाया | निराला जी ने अपनी रचनाओं में प्रेम और सौंदर्य का बहुत अच्छे से वर्णन किया है |
निराला जी ने अपने काव्य में खड़ी बोली का प्रयोग किया था | भाषा में उन्होंने तत्सम शब्दों का प्रयोग किया था | निराला जी ने काव्य में मुख्य रूप से शृंगार, वीर, रौद्र, शान्त, करुण तथा भयानक रसों का प्रयोग किया था |
निराला जी में छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद तथा नयी कविता की सभी विशेषताएँ दिखाई देती है | निराला जी महान साहित्यकार होने के साथ एक महान व्यक्ति भी थे | निराला जी को महाप्राण के नाम से भी जाना जाता है |
निराला जी को प्रथम प्रकाशित हिंदी पुस्तक के लिए 2018 में साहित्य सम्मान से अलंकृत किया गया था।