निराला की कविता उत्साह और ऋतुराज की कविता कन्यादान दोनों में से सामाजिक बदलाव की अपेक्षा की गई है उसकी प्रासंगिकता पर अपने विचार व्यक्त कीजिए
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प्रस्तुत कविता में कवि ऋतुराज ने माँ और बेटी के बीच होने वाली घटना का वर्णन किया है। जब एक माँ अपनी बेटी को शादी के बाद विदा करती है, तो उसे ऐसा लगता है, मानो उसके जीवन की सारी जमा पूँजी उससे दूर चली जा रही है। ... परन्तु, विदाई के वक्त अचानक से वह बड़ी लगने लगती है और उसकी माँ उसे सही गलत समझाने में लग जाती है।}[/tex]
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बादलों के माध्यम से युवाओं को संबोधन |
सामाजिक परंपराओं में परिवर्तन की अपेक्षा | नारी सुलभ गुणों और संस्कारों को अपनाते हुए कमजोरियों से मुक्त होना |
सामाजिक बदलाव के लिए व्यक्तिगत सोच में बदलाव लाना आवश्यक है।
hope it helps ✔︎✔︎✔︎
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