Hindi, asked by ppraj, 8 months ago

निराला व नागार्जुन की कविता कौनसी है?​

Answers

Answered by sushilyashk
2

Answer:

बाल झबरे, दृष्टि पैनी, फटी लुंगी नग्न तन

किन्तु अन्तर्दीप्‍त था आकाश-सा उन्मुक्त मन

उसे मरने दिया हमने, रह गया घुटकर पवन

अब भले ही याद में करते रहें सौ-सौ हवन ।

क्षीणबल गजराज अवहेलि‍त रहा जग-भार बन

छाँह तक से सहमते थे शृंगालों के प्राण-मन

नहीं अंगीकार था तप-तेज को नकली नमन

कर दिया है रोग ने क्या खूब भव-बाधा शमन !

राख को दूषित करेंगे ढोंगियों के अश्रुकण

अस्थि-शेष-जुलूस का होगा उधर फिल्मीकरण

शादा के वक्ष पर खुर-से पड़े लक्ष्मी-चरण

शंखध्वनि में स्मारकों के द्रव्य का है अपहरण !

रहे तन्द्रा में निमीलित इन्द्र के सौ-सौ नयन

करें शासन के महाप्रभु क्षीरसागर में शयन

राजनीतिक अकड़ में जड़ ही रहा संसद-भवन

नेहरू को क्या हुआ, मुख से न फूटा वचन ?

क्षेपकों की बाढ़ आई, रो रहे हैं रत्न कण

देह बाकी नहीं है तो प्राण में होंगे न व्रण ?

तिमिर में रवि खो गया, दिन लुप्त है, बेसुध गगन

भारती सिर पीटती है, लुट गया है प्राणधन !

Answered by mishravijay0117
4

Answer:

answer tumhe pata chal gaya hai na mera bhi same answer hai

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