निर्माणों के पावन युग में हम चरित्र निर्माण न भूलें !
स्वार्थ साधना की आँधी में वसुधा का कल्याण न भूलें !!भावार्थ
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निर्माणों के पावन युग में
निर्माणों के पावन युग में हम चरित्र निर्माण न भूलें !
स्वार्थ साधना की आंधी में वसुधा का कल्याण न भूलें !!
माना अगम अगाध सिंधु है संघर्षों का पार नहीं है
किन्तु डूबना मझधारों में साहस को स्विकार नही है
जटिल समस्या सुलझाने को नूतन अनुसन्धान न भूलें !!
शील विनय आदर्श श्रेष्ठता तार बिना झंकार नही है
शिक्षा क्या स्वर साध सकेगी यदि नैतीक आधार नहीं है
कीर्ति कौमुदी की गरिमा में संस्कृति का सम्मान न भूले !!
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