निर्मल लिखित परिचय पडकर येथे पाच प्रश्न तयार केलेली मते उत्तर परिच्छेद मे एक एक वाक्य मे हो पुस्तक का मानव जीवन मे बहुत महत्व है मानवाने सर्वप्रथम पुस्तक का आरंभ अपने अनुभव ज्ञान कोबी कशी स्मृती से बचाने के लिए किया था ताडपत्र ताम्रपत्र यदि साधन इस ज्ञान संग्रह मे सहाय्यक रहे है ऐसा पुस्तक का इतिहास पोएम बनाना है पुस्तके मानव को अपना अनुभव विकृत करने में सहायक होते है साथी उन्होंने अपने पूर्वजो सभी प्रकार के कृत ओके जीवित रखने की जिम्मेदारी प्राचीन धार्मिक महात्मा याद के सहारे पाते है पुस्तकेही आंतरराष्ट्रीय विचार दृष्टीकोन एक आधार पर सोचने के लिये माध्यम करती है
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पद-परिचय की परिभाषा – Pad Parichay Definition
जैसे हम अपना परिचय देते हैं, ठीक उसी प्रकार एक वाक्य में जितने शब्द होते हैं, उनका भी परिचय हुआ करता है। वाक्य में प्रयुक्त प्रत्येक सार्थक शब्द को पद कहते है तथा उन शब्दों के व्याकरणिक परिचय को पद-परिचय, पद-व्याख्या या पदान्वय कहते है।
व्याकरणिक परिचय से तात्पर्य है – वाक्य में उस पद की स्थिति बताना, उसका लिंग, वचन, कारक तथा अन्य पदों के साथ संबंध बताना।
जैसे –
राजेश ने रमेश को पुस्तक दी।
राजेश = संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, ‘ने’के साथ कर्ता कारक, द्विकर्मक क्रिया ‘दी’के साथ।
रमेश = संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक।
पुस्तक = संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्मकारक।
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