निर्मम कुम्हार की थापी से, कितने रूपों में कुटी पिटी।हर बार विखेरी गई किंतु, मिट्टी फिर भी तो नहीं मिटी।।फसलें उगती, फसलें कटती, लेकिन धरती चिर उर्वर है।सौ बार बने सौ बार मिटे, लेकिन मिट्टी अविनष्वर है।।प्र. 1 प्रस्तुत पद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।प्र. 2 पद्यांश का भावार्थ लिखिए।
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प्रश्न 1) मिट्टी की महिमा
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प्रश्न 2)
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