नारी सुरक्षा एवं समाज की दायित्व निबंध
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जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली : महिलाओं की सुरक्षा व उन्हें समय पर न्याय दिला पाना आज दिल्ली ही नहीं, बल्कि पूरे देश में चुनौती है। उनके साथ होने वाली आपराधिक वारदात के बाद उन्हें समय पर सहायता न मिल पाना भी न्याय मिलने की राह की बड़ी बाधा है। लड़कियों व महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है तो पूरे समाज का दायित्व है। यह बात दिल्ली महिला आयोग के रेप क्राइसिस सेल की इंचार्ज व वरिष्ठ अधिवक्ता शुब्रा मेहंदीरत्ता ने कही। उन्होंने कहा कि विभिन्न सरकारी एजेंसियों के अलावा समाज के हर वर्ग के लोगों की यह जिम्मेदारी है कि वे महिलाओं की सुरक्षा व उनके सम्मान के लिए काम करें। सरकारी एजेंसियां जहां आरोपियों पर कानूनी कार्रवाई कर महिलाओं को न्याय दिला सकती हैं, वहीं सामाजिक संगठन व विभिन्न वर्ग से जुड़े लोग इस बारे में जागरूकता फैलाकर महिलाओं की मदद कर सकते हैं। शुब्रा ने बताया कि उन्होंने 23 साल के अपने वकालत के कॅरियर में देखा है कि ज्यादातर मामलों में पुलिस की ओर से कुछ कमियां रह जाती हैं, जिससे अदालत में केस कमजोर हो जाता है और आरोपी को उसका फायदा मिल जाता है। दुष्कर्म, छेडछाड़ व यौन ¨हसा से पीड़ित को मानसिक व शारीरिक आघात पहुंचता है। उसमें आत्मविश्वास, कानून के प्रति विश्वास व जीने की इच्छा जगाने के लिए उनकी सही वक्त पर काउंसिलिंग भी जरूरी है। इसलिए हम लोग मोबाइल हेल्पलाइन वैन से ऐसी महिलाओं की मदद के लिए हर वक्त तैयार रहते हैं। महिलाओं को भी जागरूक रहना चाहिए और अपने साथ हुई वारदात को दबाने या छिपाने के बजाय कानूनी लड़ाई लड़नी चाहिए। उनका हौसला बना रहा तो अपराधियों को सजा मिलना सुनिश्चित है।
नारी सुरक्षा एवं समाज की दायित्व निबंध
नारी सुरक्षा करना समाज का दायित्व है | समाज को नारियों को भी एक समान अधिकार देना होगा | यह समाज की जिम्मेदारी बनती है कि वह नारियों को इज्ज़त दें और उन्हें सुरक्षा प्रदान करें | नारियों के साथ हो रहे गलत व्यवहार के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए | जगह-जगह उनकी सुरक्षा के लिए निमी बनाने चाहिए |
सदियों से ही भारतीय समाज में नारी की अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका रही है । नारी के बलबूते पर भारतीय समाज खड़ा है । नारी ने भिन्न-भिन्न रूपों में अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । चाहे वह सीता हो, झांसी की रानी, इन्दिरा गाँधी हो, सरोजनी नायडू हो|
नारी को सम्मान चाहिए| देश के लिए इन्होने अपने प्राणों त्याग किए है | रानी ने खुले रूप से शत्रु का सामना किया और युद्ध में अपनी वीरता का परिचय दिया। महारानी लक्ष्मीबाई से आगे बढ़ने की प्रेरणा और हिम्मत मिलती है | हमें अपनी सोच बदलनी चाहिए और नारी को सम्मान देना और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना है | समाज को नारी के प्रति सोच बदलने की जरूरत है | नारी को सम्मान चाहिए|