नारी सशक्ति करण का मतलब’ बड़े रोजगार ही नही हैं, न ही इसका क्षेत्रमहनगरों या शहरों तक सीमित रखा जा सकता
महात्मा गांधी कहते थे कि गांवों में किसान खुशहाल होगें तो देश अपने आप खुशहाल हो जाएगा। यह बात नारी सशक्तिकरण पर भी
होती है। ग्रामीण महिलाए सदियों से गांव घर खेत में पुरुषों के बराबर ही काम करती आयी हैं लेकिन वहां उन्हे सामती सोच के कारण
टजे का नागरिक ही माना जाता रहा है। ग्रामीण समाज की सोच बदलने का वक्त अब आ गया है। आज भी हमारी जनसंख्या की बहुस
गांवों में ही है। इसलिए महिलाओं की बेहतरी के लिए गांवों में पहल की जानी चाहिए। ग्राम पंचायतों और स्थानीय निकायों के
चुना
महिलाओं की बढ़ती संख्या हालात में बदवाल आना शुरू हो चुका है। मगर इसमें और तेजी लाने की जरूरत है।
क. देश की खुशहाली किस पर निर्भर है।
ख. किसे दूसरे दर्जे की नागरिक माना जाता है।
ग. देश की बहुसंख्याक जनसंख्या कहां रहती है?
घ. 'नागरिक' शब्द में कौन सा प्रत्यय जुड़ा हुआ
ड. गांवों में महिलाओं के हालात में बदलाव के कारण लिखें।
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नारी सशक्ति करण का मतलब’ बड़े रोजगार ही नही हैं, न ही इसका क्षेत्रमहनगरों या शहरों तक सीमित रखा जा सकता
महात्मा गांधी कहते थे कि गांवों में किसान खुशहाल होगें तो देश अपने आप खुशहाल हो जाएगा। यह बात नारी सशक्तिकरण पर भी
होती है। ग्रामीण महिलाए सदियों से गांव घर खेत में पुरुषों के बराबर ही काम करती आयी हैं लेकिन वहां उन्हे सामती सोच के कारण
टजे का नागरिक ही माना जाता रहा है। ग्रामीण समाज की सोच बदलने का वक्त अब आ गया है। आज भी हमारी जनसंख्या की बहुस
गांवों में ही है। इसलिए महिलाओं की बेहतरी के लिए गांवों में पहल की जानी चाहिए। ग्राम पंचायतों और स्थानीय निकायों के
चुना
महिलाओं की बढ़ती संख्या हालात में बदवाल आना शुरू हो चुका है। मगर इसमें और तेजी लाने की जरूरत है।
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