नारी शिक्षा बिपर पर पाँच
पर पाँच पर
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हमारे विद्वान ने नारी की कई तरह से गलत ठहराया है और कहा है नारियो में सदैव ही कुछ अवगुण हमेशा ही विद्धमान रहते है। उनमें से गोस्वामी तुलसीदास ने साफ- साफ कहा था कि नारी में आठ अवगुण सदैव रहते हैं। उसमें साहस, चपलता, झूठापन, माया, भय, अविवेक, अपवित्रता और कठोरता खूब भरी होती है। चाहे कोई भी नारी क्यों न हो, पर उन्ही विद्वानों ने उनकी बहुत पर क्यों नारी को हमेशा ही कमजोर और दयनीय ही समजा जाता रहा है। जबकि नारी ने अपने आप को सभी जगह साबित करके दिखाया है। क्यों नारी को एक अबला का नाम दिया जाता रहा है और उसके बारे में कहा जाता रहा है
“अबला जीवन हाय तुम्हारी यही कहानी।
आँचल में है दूध और आँखों में पानी”
और ये सब नारी के बारे में क्यों कहा जाता है। क्योंकि आज लोगों ने हमारे शास्त्रों और ज्ञान को भुला दिया है पर अब वो समय बीत गया जब नारी को अबला कहा जाता था। आज नारी की स्थिति काफी बदल चुकी है और उसने अपने आप को हर जगह अपना स्थान बना कर दिखाया।