निरंतर अभ्यास से सफलता पाना पर एक लघु कथा लिखिए 100 शब्दों में
Answers
Answer:
अगर कोई इन्सान किसी भी कार्य को लगातार करता है तो वह उस कार्य का निपुण माना जाता है ! जैसे एक पत्थर पर अगर रस्सी आती जाती रहती है तो उस पत्थर पर रस्सी का अलग ही निशान बन जाता है !
भागवत गीता में अर्जुन कहते है की भोजन करते समय अगर जलता हुआ दीपक बंद हो जाता है ! फिर भी हाथ रोटी के गस्सा को मुह तक ले जाता है ! इसके लिए किसी भी प्रकाश की जरूरत नहीं है ! यह इसलिए होता है की उस हाथ को इस काम का मतलब भोजन करने का अभ्यास है !
अभ्यास हमेशा सांसारिक क्रिया से लेकर आध्यात्मिक क्रिया तक मानसिक क्रिया से लेकर शारीरक क्रिया तक जीवन में सफलता की अहम चाबी है !
अभ्याश एक छोटा से छोटा भी हो सकता है ! अभ्याश बड़ा से बड़ा भी हो सकता है !
1983 के वर्ड्कप विजेता कप्तान कपिल देव जी हमेशा एक बात बोलते है ! 4 बजे उठने का time नहीं है 4 बजे तो मैदान में पहुचकर अभ्याश करने का time है !