निर्देशानुसार वचनं परिवर्तयत (निर्देशानुसार वचन बदलिए)
क) अहं विधालयं अगच्छम। (द्विवचने)
ख) आवां मनोहरम गीतम अस्मराव। (बहुवचने)
ग) अहं पुस्तकं गृहम अनयम। (बहुवचने)
घ) वयम असत्यं नं अवदाम। (एकवचने)
ड) वयम उद्याने अकीडाम। (द्विवचने)
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प्रश्न: :-
निर्देशानुसार वचनं परिवर्तयत (निर्देशानुसार वचन बदलिए)
क) अहं विधालयं अगच्छम्। (द्विवचने)
ख) आवां मनोहरम गीतम अस्मराव। (बहुवचने)
ग) अहं पुस्तकं गृहम अनयम। (बहुवचने)
घ) वयम असत्यं नं अवदाम। (एकवचने)
ड) वयम उद्याने अक्रिडाम। (द्विवचने)
उत्तर: :-
1) आवाम् विद्यालयम् आगच्छाव ।
२) वयम् मनोहरम् गीतम अस्मराम्।
३) अहम् पुस्तकाणि ग्रीहम् अनयाम।
४) अहम् असत्यम् न अवदम्।
५) आवाम् उद्याने अक्रीडाव ।
अतिरिक्त जानकारी :-
अधोलिखित शब्द: एकवचन, द्विवचन, बहुवचन अस्ति ।
★ अहम् → आवाम् → वयम्
- एकवचन = अहम्
- द्विवचन = आवाम्
- बहुवचन = वयम्
★ सा → ते → ता
- एकवचन = सा
- द्विवचन = ते
- बहुवचन = ता
Answer:
•संस्कृत में तीन वचन होते हैं -
एकवचनम् >> जिससे एक वस्तु का बोध हो ।
द्विवचनम् >> जिसमें दो वस्तुओं का बोध हो।
बहुवचनम् >> जिससे अनेक वस्तुओं का बोध हो।
*सर्वनाम वे शब्द होते हैं जो संज्ञा के स्थान पर अथवा संज्ञा के साथ प्रयोग में लाए जाते हैं। जैसे - सा, तत्, सः, ते, एतत्, इत्यादि।
- •संस्कृत में सर्वनाम शब्द का पूर्व निर्धारित लिंग नहीं होता है। सर्वनाम शब्द जिस शब्द के साथ प्रयुक्त होता है वह उसी लिंग का बन जाता है। सर्वनाम शब्दों के रूप तीनो लिंगो में चलते हैं।
*जो विभक्ति, वचन तथा लिंग संज्ञा शब्द में होता है वही सर्वनाम में भी रहता है।
•पुलिंग में एषः (एकवचन) तथा एते (बहुवचन) पद होते हैं। स्त्रीलिंग में एषा (एकवचन) तथा एताः (बहुवचन) पद होते हैं।नपुसंकलिंग में एतत् (एकवचन) तथा एतानि (बहुवचन) पद होते हैं। ये सब प्रथम पुरुष के सर्वनाम है।
- •मध्यम पुरुष में त्वम् (एकवचन), यूयम् (बहुवचन) तथा संबंध वाचक तव (एकवचन) , युष्माकम् (बहुवचन) पद होते हैं।
- •उत्तम पुरुष में अहम् (एकवचन), वयम् (बहुवचन), के साथ संबंध वाचक मम (एकवचन) ,अस्माकम् (बहुवचन) पद होते हैं।
- आवाम् विद्यालयम् आगच्छाव ।
- वयम् मनोहरम् गीतम अस्मराम्।
- अहम् पुस्तकाणि ग्रीहम् अनयाम।
- अहम् असत्यम् न अवदम्।
- आवाम् उद्याने अक्रीडाव ।