Hindi, asked by pk9632993, 9 months ago

निर्देशन एवं परामर्श में अंतर​

Answers

Answered by parihar201097shri
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Answer:

निर्देशन=यह व्यक्तिगत या सामूहिक रूप से दिया जाता है।

यह समय, शक्ति, तथा वितिय रुप से मितव्ययी होता है।

परामर्श=परामर्श मुख्य रूप से सामूहिक है।

इसमें ज्यादा समय भी लगता है और ज्यादा खर्चीली है।

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Answered by meghana1308
2

रामर्श

                         

निर्देशन का अर्थ

निर्देशन अंग्रेजी के शब्द “to guide “से बनी है जिसका अर्थ होता है –मार्ग दिखाना ,दिशा दिखाना |

साधारण शब्दों में निर्देशन वह प्रक्रिया है ,जिसमे हमे अनुभवी व्यक्ति के द्वारा सही मार्ग प्रशस्त किया जाता है | लेकिन  इसमें जबरन दिशा प्रदान नहीं की जाती ,बल्कि ग्रहनकर्ता की इच्छा कायम रहती है |

दुसरे शब्दों में ,निर्देशन वह प्रक्रिया है जो एक अनुभवी तथा ज्ञानी  व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को उसकी क्षमता ,कुशलता ,सम्भावना ,अभिरुचि ,व्यवहार ,प्रक्रिया तथा प्राकृतिक योग्यता को जानने तथा इनसे अधिकतम लाभ उठाकर खुद का तथा समाज का विकास करने के लिए दिया जाता है |

रामर्श

                         

निर्देशन का अर्थ

निर्देशन अंग्रेजी के शब्द “to guide “से बनी है जिसका अर्थ होता है –मार्ग दिखाना ,दिशा दिखाना |

साधारण शब्दों में निर्देशन वह प्रक्रिया है ,जिसमे हमे अनुभवी व्यक्ति के द्वारा सही मार्ग प्रशस्त किया जाता है | लेकिन  इसमें जबरन दिशा प्रदान नहीं की जाती ,बल्कि ग्रहनकर्ता की इच्छा कायम रहती है |

दुसरे शब्दों में ,निर्देशन वह प्रक्रिया है जो एक अनुभवी तथा ज्ञानी  व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को उसकी क्षमता ,कुशलता ,सम्भावना ,अभिरुचि ,व्यवहार ,प्रक्रिया तथा प्राकृतिक योग्यता को जानने तथा इनसे अधिकतम लाभ उठाकर खुद का तथा समाज का विकास करने के लिए दिया जाता है |

परामर्श का अर्थ

परामर्श एक एसी  व्यक्तिगत  प्रक्रिया है जो एक कुशल व्यक्ति के द्वारा समस्या ग्रस्त  व्यक्ति को उसकी जरुरत के अनुसार दी जाती है |इसमें परामर्श देने वाला एक्सपर्ट होता है ,तथा वह परामर्श समस्या ग्रस्त व्यक्ति के मांगने पर देता है |

परामर्श देने वाले को परामर्शदाता कहते है | जिसे परामर्श की आवश्यकता होती है उसे परामर्शप्रार्थी कहते है |

निर्देशन की परिभाषा                                

   जोनज के अनुसार ,

‘निर्देशन व्यक्ति की वृद्धि की स्वदिशा में उन्नति है |’

   चिसलम के अनुसार ,

रामर्श

                         

निर्देशन का अर्थ

निर्देशन अंग्रेजी के शब्द “to guide “से बनी है जिसका अर्थ होता है –मार्ग दिखाना ,दिशा दिखाना |

साधारण शब्दों में निर्देशन वह प्रक्रिया है ,जिसमे हमे अनुभवी व्यक्ति के द्वारा सही मार्ग प्रशस्त किया जाता है | लेकिन  इसमें जबरन दिशा प्रदान नहीं की जाती ,बल्कि ग्रहनकर्ता की इच्छा कायम रहती है |

दुसरे शब्दों में ,निर्देशन वह प्रक्रिया है जो एक अनुभवी तथा ज्ञानी  व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को उसकी क्षमता ,कुशलता ,सम्भावना ,अभिरुचि ,व्यवहार ,प्रक्रिया तथा प्राकृतिक योग्यता को जानने तथा इनसे अधिकतम लाभ उठाकर खुद का तथा समाज का विकास करने के लिए दिया जाता है |

परामर्श का अर्थ

परामर्श एक एसी  व्यक्तिगत  प्रक्रिया है जो एक कुशल व्यक्ति के द्वारा समस्या ग्रस्त  व्यक्ति को उसकी जरुरत के अनुसार दी जाती है |इसमें परामर्श देने वाला एक्सपर्ट होता है ,तथा वह परामर्श समस्या ग्रस्त व्यक्ति के मांगने पर देता है |

परामर्श देने वाले को परामर्शदाता कहते है | जिसे परामर्श की आवश्यकता होती है उसे परामर्शप्रार्थी कहते है |

निर्देशन की परिभाषा                                

   जोनज के अनुसार ,

‘निर्देशन व्यक्ति की वृद्धि की स्वदिशा में उन्नति है |’

   चिसलम के अनुसार ,

‘निर्देशन किसी व्यक्ति को अपने गुण मालूम करने तथा अपना स्थान खोजने में सहायता करने की प्रक्रिया है |’

परामर्श की परिभाषा                                                            

   स्टैंग के अनुसार ,

परामर्श ,’परामर्श देने वाले तथा परामर्श लेने वाले के बिच रूबरू सम्बन्ध स्थपित होना है |’

   जोन्स के अनुसार ,

परामर्श निर्देशन की एक तकनीक है ‘जो व्यक्ति को संतोषजनक और सफल जीवन व्यतीत करने के लिए ,अपने आपको ,अपनी योग्यताओं को और विशेषताओं को ,अपने वातावरण को एवं अवसरों और आशाओं समझने में सहायता देने का प्रयास करती है |’

निर्देशन के प्रकार

मुख्यतः निर्देसहं तीन  प्रकार के होते है|

(1)शैक्षिक निर्देशन -:यह निर्देशन निम्नलिखित क्षेत्रों में दी जाती है |

अ .स्कूल अथवा कॉलेज के चयन में

ब . पाठ्यक्रम का चयन करने में

स .पाठ्य एवं पाठ्य सहायक क्रियाओं में समायोजन करने के लिए

द .स्कूल में संतोषजनक प्रगति एवं समायोजन

(2)व्यवसायिक निर्देशन -:यह निम्नलिखित क्षेत्रों में दी जाती है |

अ .व्यवसाय का चयन करने के लिए

ब .व्यवसाय के लिए तैयारी करने के लिए

स .नौकरी में प्रवेश करने के लिए

मुख्यतः निर्देसहं तीन  प्रकार के होते है|

(1)शैक्षिक निर्देशन -:यह निर्देशन निम्नलिखित क्षेत्रों में दी जाती है |

अ .स्कूल अथवा कॉलेज के चयन में

ब . पाठ्यक्रम का चयन करने में

स .पाठ्य एवं पाठ्य सहायक क्रियाओं में समायोजन करने के लिए

द .स्कूल में संतोषजनक प्रगति एवं समायोजन

(2)व्यवसायिक निर्देशन -:यह निम्नलिखित क्षेत्रों में दी जाती है |

अ .व्यवसाय का चयन करने के लिए

ब .व्यवसाय के लिए तैयारी करने के लिए

स .नौकरी में प्रवेश करने के लिए

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