निर्धारित हैं। उत्तर लगभग 20 शब्दों में लिखिए।
श्न-2 तुलसीको काव्य-शैली की दो विशेषताएँ लिखिए।
श्न-3 देर रात आने पर अरुणा ने भोजन क्यों नहीं किया?
शन-4 आपके विचार से आदर्श मानव की जीवन-शैली कैसी
Answers
उत्तर 2: तुलसी ने मानस की रचना प्रबंध –शैली में की है और विनयपत्रिका ,गीतावली ,कृष्णगीतावली और कवितावली आदि की रचना मुक्तक – शैली में की है।शब्द संतुलन ही तुलसी के काव्य की विशेषता है। इसी विशेषता के कारण तुलसी के काव्य के अंतर बाह्य पक्ष अर्थात अलंकार, चित्रात्मकता, गुण – व्रति इत्यादि विशेषताओं को मुखर बनाता है।
उत्तर 4: मनुष्यों के जीवन जीने में और अन्य जीव-जन्तुओं के जीवन जीने में बहुत अन्तर है। मानव का हर कार्य हमेशा पहले से सोचा हुआ होता है। आदर्श-जीवन जीने वाला व्यक्ति ऐसा कोई काम नहीं करना चाहता, जिसके बारे में उसने पहले से सोचा न हो। किए जाने वाले कार्य को ऐसे लोग एक-दो दिन पहले से सोचकर चलते हैं।
प्रश्न :- तुलसी की काव्य-शैली की दो विशेषताएँ लिखिए।
उतर :-
तुलसीदास की काव्य-शैली की विशेषताएँ निम्न है :-
- भाषा की सफाई l
- लोकोक्तियों, मुहावरों और देशज शब्दों का प्रयोग l [जैसे :- न घर को न घाट को ।]
- श्रीराम का गुणगान और भक्ति भावना l [ तुलसीदास जी श्री राम के परम भक्त थे l उन्होंने रामचरितमानस नामक ग्रंथ की रचना की थी l यह अवधी भाषा में लिखी गई है l ]
- तत्सम , तद्भव और देशज शब्दों का प्रयोग l
- देशी - विदेशी भाषाओ के शब्दों का प्रयोग l [जैसे :- दिल, गुलाम, दगाबाज आदि l]
- प्रकृति चित्रण l [ उन्होंने सभी ऋतुओं का अत्यन्त सुन्दर वर्णन किया है ।]
प्रश्न :- देर रात आने पर अरुणा ने भोजन क्यों नहीं किया ?
उतर :- देर रात आने पर अरुणा ने भोजन नहीं किया क्योंकि, जब अरुणा को उसकी दाई फुलिया के बच्चे के बीमार होने की सूचना मिलती है , वह उसकी सेवा में जुट जाती है l परंतु दुर्भाग्य से वह उस बच्चे को बचा नहीं पाती l जिससे उसको बहुत दुख होता है l दोपहर से भूखी होने के कारण भी देर रात हॉस्टल आने के बाद वह खाना खाने से मना कर देती है l अत हम कह सकते है कि बच्चे की मौत के दुख की वजह से अरुणा ने भोजन नहीं किया l
प्रश्न :- आपके विचार से आदर्श मानव की जीवन-शैली कैसी कैसी होनी चाहिए ?
उतर :- आदर्श मानव की जीवन-शैली में निम्न गुण , बाते और काम होने चाहिए :-
- सुबह जल्दी उठना चाहिए l
- हमेशा बड़ों की बात ध्यान से सुननी चाहिए और उस पर अमल करना चाहिए l बड़ों का आदर करना चाहिए l
- कभी किसी की बुराई नहीं करनी चाहिए l किसी से ईर्ष्या की भावना ना हो l
- कभी जुठ नहीं बोलना चाहिए l
- करने वाले काम के बारे में पहले ही सोच कर रखो की कैसे करना है, क्या लाभ होंगे , अगर कुछ गडबड हुई तो कैसे संभालोगे l
- दिखावे की भावना को छोड़ सादा जीवन जीना चाहिए l
- हर परिस्थिति या मुसीबत में बिना घबराए सकारात्मक सोच रख कर निडर होकर सामना करना चाहिए l
यह भी देखें :-
प्रश्न-4 आपके विचार से आदर्श मानव की जीवन-शैली कैसी होनी चाहिए? लिखिए।
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