Hindi, asked by jasmeenyunus, 6 months ago

"निरक्षरता एक सामाजिक अभिशाप है"- इस विषय पर अपने विचार लिखिए |​

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Answered by Arpita1678
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Explanation:

निरक्षरता का सामान्य अर्थ है – अक्षरों की पहचान तक न होना| निरक्षर व्यक्ति के लिए तो काला अक्षर ‘भैस बराबर’ होता है | जो व्यक्ति पढना- लिखना एकदम नही जानता , अपना नाम तक नही पढ़-लिख सकता , सामने लिखी संख्या तक को नही पहचान सकता है | उसे निरक्षर कहा जाता है | निरक्षर व्यक्ति न तो संसार को जान सकता है , और न ही अपने साथ होने वाले लिखित व्यवहार को समझ सकता है, इसीलिए निरक्षरता को अभिशाप माना जाता है |आज के अर्थात इक्कीसवी सदी में प्रवेश करने वाले ज्ञान-विज्ञान के इस प्रगतिशील युग में भी कोई व्यक्ति या देश निरक्षर हो तो इसे एक त्रासदी के अलावा कुछ नही कहा जा सकता | परन्तु यह तथ्य सत्य है की स्वतंत्र भारत में शिक्षा का विस्तार हो जाने पर भी भारत में निरक्षरों तथा अनपढो की बहुत अधिक संख्या है | इस बात को भली-भांति जानते हुई कि विषमताओ का शिकार होना पड़ता है , वे लोग साक्षर बनने का प्रयास नही करते है | यदि हम प्रगति तथा विकास – कार्यो से प्राप्त हो सकने वाले सकल लाभ को प्राप्त करना चाहते है तो हम सब को साक्षर बनना होगा अर्थात निरक्षरता को समाप्त करना होगा |

व्यक्तिगत स्तर पर भी निरक्षर व्यक्ति को कई तरह के कष्टों का सामना करना पड़ता है | वह न तो किसी को स्वय कुशल –क्षेम जानने वाला पत्र ही लिख सकता है और न ही किसी से प्राप्त पत्र को पढ़ ही सकता है | निरक्षर व्यक्ति न तो कही मनीआर्डर भेज सकता है और न ही कही से आया मनीआर्डर अपने हस्ताक्षरों से प्राप्त कर सकता है ऐसी दोनों स्थितियों में वह ठगा जा सकता है | देहाती निरक्षरों से तो अंगूठे लगवाकर जमीदार व् बनिये उनकी जमीनों के टुकड़े तक हडप कर चुके है | ऐसा अनेको बार होता देखा गया है | इसलिए निरक्षरता का अभियान जोर शोर से चलाया जा रहा है | महानगरो, नगरो, कस्बो व देहातो में लोगो को साक्षर बनाने के लिए अनेक कार्यक्रम चलाये जा रहे है | अधिकतर निरक्षर लोग मेहनत – मजदूरी करने वाले लोग होते है इसलिए उनके लिए सुबह-शाम घरो के पास पढाई की व्यवस्था की जाती है | गृहणियो के लिए दोपहर के खाली समय भी मुफ्त व्यवस्था की जाती है | यहाँ तक घर-घर जाकर भी साक्षर बनाने के अभियान चलाये जा रहे है | इन सबसे लाभ उठाकर हम निरक्षरता के अभिशाप से मुक्ति पा सकते है | साक्षर होना या साक्षर बनाना आज के युग की विशेष आवश्यकता है |

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