निरन्तरं किं वर्धते ? *
वृष्टि:
शैत्यम्
प्रदूषणम्
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सही उत्तर होगा,
प्रदूषणम्
व्याख्या :
निरन्तरं प्रदूषम् वर्धते। (निरन्तर प्रदूषण बढ़ रहा है।)
विकासशीलैः मानवैः विकासेन सह प्रदूषणमपि वर्धितं, येन अद्यत्वे अस्माकं स्वास्थ्यहानिः भवति।
विकास की प्रक्रिया में विकाशील मानव विकास तो कर रहा है लेकिन निरन्तर प्रदूषण भी बढ़ रहा है, जो कि मानव के स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है। इसके परिणाम भयंकर होंगे। इसलिये समय से पहले सावधान होने की आवश्यकता है।
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