Hindi, asked by vandanakarelokhande, 1 month ago

नीरद संध्या में प्रशान्त
डूबा है सारा ग्राम प्रान्त
पत्रों के आनंत अधरोपर सो गया निखिल दनका
ज्यों वीणा के तारों में स्वर!
खग कूजन भी हो रह लीन निर्जन गोप्य उद बुलहन
धूसर मुजंग-सा जिह छीणा।
झींगुर के स्वर का प्रखर तीर केदल प्रशांत को हीर
संध्या प्रशांति को कर गंभीर! कवि का नाम​

Answers

Answered by vishwanayakarahul70
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Answer:

yes I will be there at me and

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