नीरवता अनंत ॲगड़ाई पंक्ति का भावार्थ बताइए
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यहाँ पर नीरवता को अंगड़ाई रूपी मानवीय क्रिया में प्रस्तुत किया गया है अर्थात नीरवता अंगड़ाई ले रही है। नीरवता एक प्राकृतिक तत्व है और अंगड़ाई एक मानवीय क्रिया है। मानवीकरण अलंकार में प्रकृति के तत्वों को मानवीय रूप में प्रस्तुत किया जाता है। इस कारण यहां पर मानवीकरण अलंकार है।
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