Social Sciences, asked by kumarpawan01447, 5 months ago

नास्तिवाद के विकास के 3 मुख्य कारणों की व्याख्या कीजिए​

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Answered by dikshisubhigmailcom
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Answer:

नास्तिवाद (लैटिन भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ है [2 ], कुछ नहीं), एक दार्शनिक सिद्धांत है जो जीवन के एक या अधिक अर्थपूर्ण पहलुओं को नकारता है। आम तौर पर नास्तिवाद को सबसे अधिक अस्तित्व/मौज़ूदा नास्तिवाद के रूप में प्रस्तुत किया है जो तर्क देता है कि जीवन[1] का कोई सार्थक अर्थ, कारण या वास्तविक महत्त्व नहीं है। इसे मानने वाले नाईलिस्ट (शून्यवादी) जोर दे कर कहते हैं है कि नैतिकता स्वाभाविक रूप से मौजूद नहीं होती, तथा किसी भी प्रकार के स्थापित किये गए नैतिक मूल्य कृत्रिम रूप से बनाये गये हैं। नास्तिवाद दर्शनवाद, अध्यात्मवाद या सिद्धांतवाद के रूप में भी हो सकता है, जिसका अर्थ है कि कुछ स्वरूपों में ज्ञान संभव नहीं है या हमारे विश्वास के विपरीत है, इस प्रकार यथार्थ के कुछ पहलू अस्तित्व में नहीं होते हैं।

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