*'निश्छल' शब्द के लिए कविता में कौन-सा शब्द आया है?* 1️⃣ जिद्दी 2️⃣ मतवाले 3️⃣ भोले-भाले 4️⃣ झब्बर-झब्बर।
Answers
सही विकल्प होगा...
➲ भोले-भाले
✎... ‘निश्छल’ शब्द के लिए कविता में जो शब्द आया है, वह है ‘भोले-भाले’।
“मन के भोले-भाले” नामक कविता जोकि ‘कल्पनाथ सिंह’ द्वारा रचित की गई है। इस कविता के शीर्षक में ही भोले-भाले शब्द का प्रयोग किया गया है, जिसका अर्थ ‘निश्छल’ होता है। कविता की अंतिम पंक्तियों में यह शब्द प्रयुक्त किए हैं, जो कि इस प्रकार हैं...
रह-रहकर छत पर आ जाते,
फिर चुपके ऊपर उड़ जाते,
कभी-कभी जिद्दी बनकर के.
बाढ़ नदी-नालों में लाते।
फिर भी लगते बहुत भले हैं,
मन के भोले-भाले बादल।
यहाँ पर ‘भोले-वाले’ शब्द निश्छल शब्द का शाब्दिक अर्थ है। निश्छल शब्द के अर्थ इस प्रकार होंगे...
निश्छल : जिसका मन शुद्ध हो, साफ हो, पवित्र हो, जो स्वभाव से बेहद सीधा सरल हो, भोला-भाला हो, जो छल-कपट से रहित हो, निष्कपट हो, सच्चा हो, शुद्ध हृदयवाला हो, सरल स्वभाव का हो, सहज प्रकृति का हो, सीधा-सादा हो।
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