नाश के दुख से कभी दबता नहीं निर्माण का सुख प्रलय की निस्तब्धता से सृष्टि का नव गान फिर-फिर का अंश के पाठ और कवि नाम लिखे
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नाश के दुख से कभी दबता नहीं निर्माण का सुख प्रलय की निस्तब्धता से सृष्टि का नव गान फिर-फिर का अंश के पाठ और कवि नाम लिखे
पाठ का नाम : नीड़ का निर्माण फिर-फिर
कवि का नाम : हरिवंश राय बच्चन जी
व्याख्या :
नीड़ का निर्माण फिर-फिर,… हरिवंश राय ... जीवन की हर विषम परिस्थितियों में अपने अस्तित्व को सुरक्षित ऱखने के लिए दार्शनिक सत्यों से साक्षात्कार कराती बच्चन जी की यह कविता एक संदेश के रूप में सामने आई थी | यह कविता लोगों को कठिनाइयों से लड़ने के लिए प्रेरणा देती है |
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