निषेधात्मक और संदिग्ध आत्मक वाक्यों की परिभाषा
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Answer:एक ऐसा सन्देश जो किसी काम को न करने का आदेश दे रहा हो, वह निषेधवाचक वाक्य कहलाता है। इन वाक्यों में प्रायः न, नहीं या मत जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है। 'नहीं' का प्रयोग होता है।
संदिग्ध भूतकाल :- क्रिया के जिस रूप से अतीत में हुए या करे हुए कार्य पर संदेह प्रकट किया जाये उसे संदिग्ध भूतकाल कहते हैं। जिन वाक्यों के अंत में गा , गे , गी आदि आते हैं वे संदिग्ध भूतकाल होते हैं। क्रिया के जिस रूप से कार्य के भूतकाल में पूरा होने पर संदेह हो कि वह पूरा हुआ था या नहीं उसे संदिग्ध भूतकाल कहते हैं।
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