Hindi, asked by sasmitabehera4845, 8 months ago

नेताजी के अनुसार भारत का अतीत कैसा था?​

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Answered by AftabSaifi786
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Answer:

क्लिमैन्ट रिचर्ड एटली जो कि 1945 से 1951 तक ब्रिट्रेन के प्रधानमंत्री रहे। उनके समय में ही भारत को आजादी मिली। उनसे एक बार ब्रिटेन के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि आखिर आपने भारत क्यों छोड़ा? आप दूसरा विश्वयुद्ध जीत चुके थे। सबसे बुरा समय बीत चुका था। 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन फ्लॉप हो चुका था। आखिर ऐसी क्या जल्दी थी कि ब्रिटिश सरकार ने 1947 में अचानक यह कहना शुरु कर दिया कि नहीं हमें तुरंत भारत छोड़ना है?

एटली ने जवाब दिया – 'ऐसा नहीं था। यह उस चिंगारी की वजह से था जो नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने भारतीय सेना में पैदा कर दी थी। हम 1857 का सिपाही विद्रोह देख चुके थे'।

'25 लाख भारतीय सैनिक द्वितीय विश्वयुद्ध जीतकर लौट रहे थे। इस बीच कराची नेवल बेस, जबलपुर, आसनसोल जैसी कई जगहों पर भारतीय सैनिकों के विद्रोह की खबरें आ रही थीं'।

'आजाद हिंद फौज में शामिल होने वालों की तादाद तेजी से बढ़ रही थी।

एटली ने आगे कहा कि हम जान गए थे कि अब ज्यादा दिनों तक भारत पर कब्जा बनाए रखना मुश्किल है। यह सुभाष चंद्र बोस का प्रभाव था कि भारतीय लोगों में राष्ट्रवाद का प्रवाह अचानक बहुत तेजी से बढ़ गया था'।

'हम समझ गए थे कि अब यह महज वक्त की बात है। अगर हमने इस देश को छोड़ा नहीं तो हमें खूनी क्रांति का सामना करना पड़ेगा'।

ब्रिटिश पीएम क्लिमैण्ट रिचर्ड एटली का यह कथन इस बात का सबूत है कि देश को आज तक धोखे में रखा गया है कि हमें अहिंसक तरीकों से आजादी हासिल हुई। अंग्रेज खूनी क्रांति होने की आशंका से भयभीत होकर भारत को आजादी देने के लिए मजबूर हुए थे।

दरअसल भारतीयों ने सुभाषचंद्र बोस के उस कथन पर आंख मूंद के भरोसा किया था कि ‘तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा’।

उनकी इस प्रेरणादायी उक्ति ने लोगों के दिलों में आजादी के लिए आग पैदा कर दी थी।

प्रसिद्ध विचारक और वामदेव के नाम से मशहूर विचारक डेविड फ्रॉले भी कहते हैं कि ‘अतीत में भी भारत देश पर कभी भी पूरी तरह कब्जा इसलिए नहीं किया जा सका क्योंकि इस देश के क्षात्र भावना से ओत प्रोत लोगों ने कभी भी युद्ध बंद नहीं किया’।

'ऐसे ही सेनानियों में से एक थे नेताजी सुभाष चंद्र बोस, जिनका संघर्ष भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का सबसे अहम हिस्सा था। शुक्र है कि अब जाकर उनके कार्यों को पूरा सम्मान मिल रहा है'।

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Answered by nitinsingh34753
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Answer:

नेताजी के साथ-साथ वे एक सशक्त युवा तथा भारतीय क्रांतिकारी थे। नेताजी के अनुसार भारत उनकी माता के समान थी। तो आप स्वयं ही यह गणना कर लें यदि कोई व्यक्ति किसी की मां को जंजीरों में जकड़ ले तो उसे कैसा प्रतीत होगा। अंग्रेजों की गुलामी तले भारतवर्ष पर दिन प्रतिदिन अत्याचार बढ़ते जा रहे थे। सभी का शोषण किया जाता था। कानून व्यवस्था एकदम लचर थी इसका एक बेहतर उदाहरण जलियांवाला बाग है जिसमें स्त्रियों के साथ-साथ बच्चों को भी गोलियों से भून दिया गया। भारतवर्ष गुलाम क्यों बना बस मुट्ठी भर गद्दारों की वजह से बिल्कुल वही स्थिति आज भारत के सामने खड़ी हो गई है। भारतवर्ष को चीन को सबक सिखाने से पहले देश के गद्दारों को सबक सिखाना ज्यादा जरूरी हो गया है।

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